बदायूं: मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी, रिपोर्ट दर्ज

पुलिस ने शिकायत पर नहीं की कार्रवाई तो कोर्ट की शरण में गया था पीड़ित युवक

 बदायूं: मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी, रिपोर्ट दर्ज

बदायूं, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में संविदा पर नौकरी लगवाने के नाम पर कुछ लोगों के साथ ठगी हुई। एक युवक ने कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाली दो संस्थाओं के अधिकारियों को अपना परिचित बताकर धोखाधड़ी की। रुपये ऐंठ लिए। पीड़ित का आरोप है कि उस युवक और संस्थाओं के अधिकारियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर बदायूं के लगभग 85 लोगों से दो-दो लाख रुपये लिए हैं। एक पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते वह कोर्ट की शरण में गया। कोर्ट के आदेश पर दोनों संस्थाओं के अधिकारियों समेत 16 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।

थाना कादरचौक क्षेत्र के गांव घटियारी निवासी रामगोपाल पुत्र रामचंद्र कश्यप शहर के मोहल्ला ब्राह्मपुर में रहते हैं। उन्होंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उन्होंने साल 2019 में सिविल लाइन क्षेत्र में डीएम रोड पर डीके वाली गली निवासी मुनेंद्र पुत्र हुलासीराम से मुलाकात हुई थी। जिसने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में एएनएम, जीएनएम, वार्ड ब्यॉय और टैक्नीयिशन की भर्ती निकली है। नित्या सर्विस आउटसोर्सिंग एंड मैनपॉवर सोल्यूशन के एमडी अनिल राजौरिया, ओपी त्रिपाठी, अभिषेक मिश्रा, तरुण, विवेक, सुमित मिश्रा से उसकी पहचान है।

इसके अलावा अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अज्ञात गुप्ता, ललित राघव भी उसके जान पहचान के हैं। दोनों संस्थाएं राजकीय मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में नौकरी लगवाते हैं। रामगोपाल उसके झांसे में आ गए। उनकी पत्नी, चचेरे भाई उपेंद्र, भांजी गायित्री व अन्य रिश्तेदारों की नौकरी के लिए मुनेंद्र को रुपये दिए। 15 जुलाई को एक हजार रुपये, 27 जुलाई को 8000 रुपये मिलाकर सात बार में एक लाख 17 हजार रुपये जमा करा दिए। आरोप है कि दोनों संस्थाओं ने बदायूं के 85 लोगों से दो-दो लाख रुपये लेकन नियुक्ति पत्र जारी कराए हैं।

सूरजपाल और श्रीपाल ने प्रधान रूपराम और दयाराम के सामने रुपये लिए थे। बाद में 8 मार्च को रामगोपाल ने स्टांप पेपर पर लिखवाकर दयाम से एक लाख 17 हजार रुपये उधार लिए। जो बाद में वापस भी कर दिए इसके बाद भी उन लोगों ने रुपये मांगे और 16 जनवरी 2024 की शाम लगभग पांच बजे सूरजपाल, देव सिंह, रीपाल, मुनेंद्र ने रामगोपाल को जान से मारने की धमकी दी। पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगने लगे। कहा कि पांच लाख रुपये नहीं दिए तो जान से मार देंगे। रामगोपाल ने पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते वह कोर्ट की शरण में गए।

कोर्ट के आदेश पर कोतवाली सिविल लाइन पुलिस ने मुनेंद्र, आगरा के न्यू कॉलोनी निवासी ओपी त्रिपाठी, एमडी अनिल राजौरिया, डिप्टी डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा, एकाउंटेंट तरुण व विवेक, लखनऊ निवासी सुमित मिश्रा व आलोक उपाध्याय, डायरेक्टर आशीष चौहान, फिरोजाबाद निवासी ओम राठौर, प्रबंधक अज्ञात गुप्ता, मंडल कोआर्डिनेटर व लखनऊ निवासी ललित राघव, परवेज सिंह, सूरजपाल, उसहैत के गांव बारीखेड़ा निवासी देव सिंह, मुजफ्फरनगर निवासी श्रीपाल के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वास के हनन, धमकाने, लोकसेवक द्वारा प्रयोग किए जाने वाले चिंह्न की जालसाजी के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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