आजम खान के खिलाफ रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्ला के बयान पर सपा के अंदर बगावत 

आजम खान के खिलाफ रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्ला के बयान पर सपा के अंदर बगावत 

रामपुर, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद गुटबाज़ी का बवंडर उठने लगा है। रामपुर में सपा के नव-निर्वाचित सांसद मौलाना मोहिबुल्ला नदवी के, पार्टी महासचिव आज़म खान के जेल में बंद होने से जुड़े एक सवाल पर आए जवाब से तूफान खड़ा हो गया। सांसद के बयान से भड़के आजम खान समर्थक नदवी पर एक्शन की मांग को लेकर अड़ गए हैं।

मुरादाबाद से सांसद बनीं रुचि वीरा का भी नदवी के बयान पर कड़ा रिएक्शन आया है। रुचि वीरा ने कहा, नदवी को ये नहीं भूलना चाहिए कि वह आज़म ख़ान की बदौलत ही सांसद बने हैं। आजम खान पार्टी के बहुत सीनियर लीडर हैं। उनके खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाज़ी से बचना चाहिए। सनद रहे कि रुचि वीरा आज़म ख़ान की भरोसेमंद करीबियों में से एक हैं। 

वहीं, रामपुर से खबर है कि आज़म समर्थकों ने पार्टी ऑफिस से अखिलेश यादव की तस्वीर तक उतार दी है। इस मांग के साथ कि नदवी के बयान पर एक्शन लिया जाए। इस तरह रामपुर में सपा के अंदर दो धड़े बनते दिखाई दे रहे हैं। एक, आज़म ख़ान और दूसरा मौलाना मोहिबुल्ला नदवी का। 

आज़म ख़ान रामपुर से दस बार के विधायक और एक बार सांसद रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान वह जेल में बंद हैं। रामपुर से मोहिबुल्ला नदवी को टिकट देने का आज़म ख़ान की तरफ से एतराज हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव ने आज़म ख़ान को मनाकर नदवी को मैदान में उतारा। और अब जब नदवी सांसद बन गए हैं तो आज़म ख़ान पर उनका पहला हमला सामने आया है। 

आज़म ख़ान पर नदवी का कॉमेंट 
रामपुर से सांसद बने मौलाना मोहिबुल्लाह ने आज़म ख़ान से जेल में मुलाकात से जुड़े एक सवाल पर कहा कि, जेल, जेल होती है। जेल सुधार गृह होती है। कोई जन्नत नहीं होती। अनजाने में क्या गलती होती है जो इंसान जेल जाता है। उनके लिए दुआ ही की जा सकती है। मौलाना का ये बयान आज़म ख़ान पर कॉमेंट के तौर पर देखा गया। जिसके मायने लगाए गए कि आज़म ख़ान ने गलती की है इसलिए उन्हें जेल हुई है। इसी को लेकर आज़म समर्थक सांसद नदवी के खिलाफ गुस्से से भर गए हैं। 

नदवी से पहले मुरादाबाद लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण को लेकर सपा के राज्यसभा सांसद मुहम्मद जावेद ने भी प्रत्यक्ष रूप से आज़म ख़ान पर हमला बोला था। नामांकन के ऐन वक्त पर सांसद डॉ. एसटी हसन का टिकट कटने के बाद राज्यसभा सदस्य जावेद ने फेसबुक पर लिखा था कि, आज़ादी से पहले भी मुरादाबाद, रामपुर के अधीन नहीं रहा था। उनका ये कॉमेंट सीधे तौर पर  आज़म ख़ान के संदर्भ में था। इस पर हंगामा मचने के बाद जावेद ने वो पोस्ट डिलीट कर दी थी। 

रुहेलखंड की राजनीति में सपा के अंदर ही आज़म ख़ान के खिलाफ एक धड़ा, मज़बूत बनकर उभर रहा है। तब, जब आज़म ख़ान जेल में बंद हैं। ऐसे में जब वह बाहर आते हैं तो सपा के अंदर उनकी स्थिति को लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन रामपुर में जिस तरह से आज़म ख़ान पर सांसद की टिप्पणी को लेकर विरोध सामने आ रहा है। उससे आज़म ख़ान के कद और दबदबे का अहसास होता है।

आज़म ख़ान सपा के सबसे सीनियर और कद्दावर नेता हैं, इसमें कोई दोराय नहीं है। रामपुर की राजनीति में पांच दशक से आज़म ख़ान का एकछत्र राज रहा है। क्या अब नई सपा में आज़म ख़ान को नए सिरे से सामंजस्य बिठाना होगा? क्या आज़म ख़ान के गढ़ में ही उन्हें चुनौती देने के लिए सपा के अंदर दूसरा खेमा तैयार हो गया? आज़म ख़ान को लेकर बहुतेरे सवाल हैं, जिनसे आज़म ख़ान ही डील करेंगे।

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