ईडी ने डीपीआईआईटी के पूर्व सचिव रमेश अभिषेक के ठिकानों पर मारे छापे
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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और डीपीआईआईटी के पूर्व सचिव रमेश अभिषेक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत मंगलवार को उनके ठिकानों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
ईडी का मामला उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के पूर्व सचिव अभिषेक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा हाल में दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है।
1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के खिलाफ सीबीआई ने फरवरी में छापेमारी की थी। वह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले डीपीआईआईटी से 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे। सूत्रों ने बताया कि ईडी धनशोधन जांच के तहत राष्ट्रीय राजधानी के ग्रेटर कैलाश इलाके में और कुछ अन्य स्थानों पर अभिषेक के परिसरों की तलाशी ले रही है।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि अभिषेक ने सेवानिवृत्ति के बाद उन निजी कंपनियों से परामर्श शुल्क के रूप में ‘बड़ी रकम’ प्राप्त करके खुद को ‘अवैध रूप से’ समृद्ध किया, जिनके मामले में उन्होंने सेवा में रहते हुए निपटाए थे। सीबीआई और ईडी ने उनकी बेटी वानेसा के खिलाफ भी मामले दर्ज किए हैं।
अभिषेक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और सीबीआई ने लोकपाल के आरोपों पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। लोकपाल ने आरोप लगाया था कि पिता-पुत्री ने उन अनेक कंपनियों और संस्थाओं से पेशेवर शुल्क के रूप में भारी रकम प्राप्त की जिनसे संबंधित मामलों में पूर्व आईएएस अधिकारी ने सेवा में रहते हुए काम किया था। उसने आरोप लगाया था कि अभिषेक और उनकी बेटी ने जो रकम प्राप्त की, उसे कथित तौर पर नई दिल्ली के आलीशान ग्रेटर कैलाश-2 इलाके में एक घर खरीदने में लगाया गया।
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