कर्नाटक में मुस्लिम व्यक्ति को अविमुक्तेश्वर मंदिर समिति में शामिल करने पर राजनीति माहौल गरमाया

कर्नाटक में मुस्लिम व्यक्ति को अविमुक्तेश्वर मंदिर समिति में शामिल करने पर राजनीति माहौल गरमाया

बेंगलुरु। कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार के होसकोटे में अविमुक्तेश्वर ब्रह्मोत्सव समिति में एक मुस्लिम व्यक्ति को शामिल करने के फैसले पर बुधवार को राज्यभर में राजनीतिक बहस शुरू हो गयी। विधायक शरथ बचेगौड़ा ने अविमुक्तेश्वर मंदिर में विकास और आयोजनों की निगरानी के लिए एक समिति के गठन के प्रस्ताव दिया था। 

इस समिति में 12 सदस्यों को नियुक्त किया गया, जिनमें एक मुस्लिम नवाज भी शामिल है। इस फैसले का राज्य की भारतीय जनता पार्टी इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से विरोध जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य गैर-हिंदुओं को नियुक्त करके मंदिरों और उनकी संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करना है। 

भाजपा ने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि यह फैसला हिंदू हितों को कमजोर करने के व्यापक एजेंडे को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है, कर्नाटक के एक मंदिर समिति में जब दूसरे धर्म के व्यक्ति को जगह मिल सकती है तो भविष्य में देशभर के सभी मंदिरों में भी यह चलन शुरू हो सकता है।

शरथ बचेगौड़ा के अनुरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, तहसीलदार ने समिति में 12 सदस्यों को नियुक्त किया। इन सदस्यों में एक मुस्लिम व्यक्ति नवाज को शामिल करने से भाजपा और बड़े पैमाने पर हिंदू समुदाय में नाराजगी फैल गई है। 

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