प्रयागराज: एनएचएआई के दाखिल किये गए आधे-अधूरे हलफनामे पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

प्रयागराज: एनएचएआई के दाखिल किये गए आधे-अधूरे हलफनामे पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से दाखिल 15 पृष्ठों के हलफनामे पर नाराजगी जताई। इस पर एनएचएआई के अधिवक्ता ने कोर्ट से पूरे तथ्य के साथ फिर से जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, साथ ही कोर्ट को आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह का जवाब दाखिल नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने भी जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के 7 दिसंबर 2021 के पत्र के अनुसार बताएं कि क्या सड़क निर्माण हेतु जमीन का चिन्हांकन किया गया है या नहीं। बरेली निवासी राजेश्वर सिंह व अन्य ने कोर्ट को बताया कि सड़क के लिए जितनी जमीन अधिगृहित की गई है, उससे अधिक जमीन पर निर्माण किया गया है, जिसका मुआवजा भी नहीं दिया गया। 

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इसी का उत्तर देते हुए जवाबी हलफनामा दाखिल किया, जिसके 15 पृष्ठों में से 10 पृष्ठ तक केवल कानूनी उपबंधों व कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और शेष पांच पृष्ठ में भी याचिका के तथ्यों का कोई यथोचित उत्तर नहीं दिया गया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ के समक्ष हुई। याचिका पर अगली सुनवाई आगामी 24 जुलाई को सुनिश्चित की गई है।

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