Unnao News: पत्नी की मौत से आहत होकर ठाना...देश की एकता व अखंडता के लिए शुरू की साइकिल यात्रा

पांचवीं साइकिल यात्रा के दौरान बांगरमऊ पहुंचे राजा सिंह वारसी

Unnao News: पत्नी की मौत से आहत होकर ठाना...देश की एकता व अखंडता के लिए शुरू की साइकिल यात्रा

उन्नाव, अमृत विचार। पत्नी के आकस्मिक निधन से राजा सिंह वारसी इतना आहत हुये कि उन्होंने अब पूरे देश में पदयात्रा व साइकिल यात्रा कर जन-जन में देश की एकता, अखंडता व आपसी सद्भाव की अलख जगाने की ठान ली। पांचवीं साइकिल यात्रा के दौरान वे गुरुवार को बांगरमऊ नगर स्थित हजरत मीरा शाह बाबा की दरगाह पर पहुंचे। उनका लक्ष्य 10 हजार किमी की साइकिल यात्रा करना है।

बता दें मैनपुरी जिला के कस्बा घिरोर निवासी राजा सिंह वारसी ने नगर के पूर्व चेयरमैन इजहार खां गुड्डू के आवास पर हुये सम्मान समारोह में बताया कि वर्ष-1994 में अचानक उनकी पत्नी ऊषा देवी का निधन हो गया और वे अकेले हो गये। कस्बा घिरोर में उनके नाम 30 बीघा उपजाऊ भूमि है। पत्नी के निधन से वे इतना व्यथित हुये कि वह प्रथम पैदल यात्रा पर देश भ्रमण के लिये निकल पड़े। '

उन्होंने खेती की आय से दो-दो वर्ष के अंतराल में चार पैदल यात्राएं कीं। बाद में बढ़ती उम्र के चलते अब तक वे तीन साइकिल यात्राएं कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह बीती 15 फरवरी को साइकिल से चौथी साइकिल यात्रा पर निकले थे और नीम करोली फ़र्रुख़ाबाद, लंगोटिया महराज मंदिर शाहजहांपुर, गोला गोकरननाथ, मासूम शाह वारसी बाबा गंज बहराइच, पशुपति नाथ व जानकी माता मंदिर नैपाल, राम जन्मभूमि अयोध्या और देवा शरीफ होते हुये बांगरमऊ पहुंचे हैं।

उनकी आगे की यात्रा मदार साहब, हाजी बाबा कन्नौज, बदायूं शरीफ, हरिद्वार, कलियर शरीफ, वैष्णो देवी एवं हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह दिल्ली की होगी। बताया कि यात्रा का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और अखंडता बनाये रखना और सामाजिक सद्भाव कायम करना है। यात्रा के दौरान वह आमजन को प्यार-मोहब्बत से जीवन जीने और भारत को सशक्त बनाने का संदेश देते हैं।

नगर के पूर्व चेयरमैन इजहार खां गुड्डू, अरविंद कुमार, माजिद हुसैन अंसारी, नरेश कुमार, फुरकान खां, मंजीत, अली अहमद व ताहिर हुसैन वारसी आदि ने साइकिल यात्री का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया।

ये भी पढ़ें- Farrukhabad: सवारियां बैठाने के विवाद में रोडवेज बसों के स्टाफ में हाथापाई...लोगों ने बीच-बचाव कर मामला कराया शांत