Moradabad News : रेप पीड़िता को तीन साल बाद मिला इंसाफ, दोषी याकूब को 14 साल की सजा...वादी के खिलाफ भी की गई कार्रवाई

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Published By Bhawna
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मुरादाबाद। युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में अदालत ने तीन साल बाद आरोपी को 14 साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 27 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीड़िता के पिता ने छजलैट थाने में 11 जनवरी 2021 को मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि पिता के बयान बदलने और झूठी गवाही देने के बाद कोर्ट ने वादी के खिलाफ भी IPC की धारा 344 के तहत कार्रवाई की। 

इस मामले की शुरुआत 08 जनवरी 2021 की दोपहर से हुई। जब मुकदमे में वादी अपने खेत पर जुताई कर रहा था। तभी थाना छजलैट के गांव पूरी रावड़ा के रहने वाले याकूब उनके पास आए और इधर-उधर की बातें करने लगे इसी दौरान उन्होंने कहा कि तुम्हारी बेटी की शादी में सरकार की तरफ से मिलने वाला विवाह अनुदान का डेढ़ लाख रुपए में आपको दिलवा सकता हूं। पिता राजी हो गए और उसी दिन शाम के वक्त आरोपी याकूब वादी के घर जरूरी दस्तावेज लेने पहुंच गया। घर से दस्तावेज लेकर आ गया। 11 जनवरी की शाम आरोपी याकूब ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए वादी की बेटी को अपने घर बुला लिया। 

वादी की बेटी अपने छोटे भाई के साथ याकूब के घर पहुंची, जहां याकूब ने छोटे भाई को घर के बाहर खड़ा कर दिया और युवती को कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना की जानकारी उसने अपने छोटे भाई को न बताकर अपने घर पहुंच कर पिता को दी। पुलिस ने उसी दिन 11 दिसंबर को थाना छजलैट में आरोपी याकूब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी याकूब को जेल भेज दिया। 

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार यादव के मुताबिक, इस मामले में वादी पक्ष अपने बयान से मुकर गया था, पक्ष विरोधी हो गए थे। लेकिन, पीड़िता पूरी तरह से मजबूती से अपने पक्ष रख रही थी। रेप पीड़िता ने कोर्ट में यह भी बताया था कि उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी याकूब ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी से इस बात का जिक्र किया तो उसे जान से मार देगा। अदालत ने पूरे मामले को सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया और 14 साल की आजीवन कारावास की सजा के साथ 27000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जबकि वादी के पक्ष विरोधी होने पर कोर्ट ने वादी के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 344 के तहत कार्रवाई की है।

इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट फर्स्ट मोहम्मद फिरोज की अदालत में चल रही थी। मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में 31 अगस्त 2021 में शुरू हुई। तीन साल तक गवाहों और सबूतों के मद्देनजर आरोपी के ऊपर आरोप तय हुए। इसमें पांच गवाह पेश किए गए। जिसमें पीड़िता के पिता और पीड़िता के अलावा चिकित्सक और पुलिसकर्मियों की गवाही अदालत में हुई। चिकित्सक की गवाही मे दुष्कर्म की घटना की पुष्टि हुई। जिसके बाद कोर्ट ने दोषी को सज़ा सुनाई और तीन साल बाद दोषी अपने अंजाम तक सलाखों के पीछे पहुंच गया।

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