Bareilly News: 35वीं प्रादेशिक वार्षिक गाइनी कॉन्फ्रेंस का समापन, वरिष्ठ चिकित्सक हुए सम्मानित...अतिथियों ने साझा किए अनुभव

Bareilly News: 35वीं प्रादेशिक वार्षिक गाइनी कॉन्फ्रेंस का समापन, वरिष्ठ चिकित्सक हुए सम्मानित...अतिथियों ने साझा किए अनुभव

बरेली, अमृत विचार। बरेली ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनोकॉलोजिकल सोसायटी की ओर से नैनीताल रोड स्थित एक रिसोर्ट में आयोजित 35 वीं प्रादेशिक वार्षिक गाइनी कॉन्फ्रेंस का रविवार देर शाम समापन हो गया। कॉन्फ्रेंस में सुरक्षित मातृत्व, गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताएं समेत अन्य प्रमुख विषयों पर अतिथियों ने अपने अनुभव साझा किए।

आयोजन सचिव डॉ. लतिका अग्रवाल ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में 500 से अधिक डॉक्टर शामिल हुए। इनमें मुंबई, दिल्ली, गुरुग्राम से आए वरिष्ठ डॉक्टरों ने कार्यशाला में नई चिकित्सा पद्धतियों के बारे में अन्य डॉक्टरों और पीजी के छात्रों को जानकारी दी। 

मुंबई से आईं वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुचित्रा पंडित ने बताया कि आज कल महिलाओं में बार-बार गर्भपात हो जाने की समस्या सामने आ रही है, ऐसे में गर्भधारण करने के बाद भय के चलते परिजन डॉक्टरों पर ऑपरेशन का दबाव बनाते हैं, लेकिन गर्भधारण करने के बाद से ही खानपान का विशेष ध्यान रखा जाए तो सामान्य प्रसव भी संभव है। लखनऊ की डॉ. प्रीति और अहमदाबाद से आए वरिष्ठ डॉ. एमसी पटेल ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस मौके पर अतिथि चिकित्सकों को प्रमाण पत्र और मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया।

बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. लता अग्रवाल, सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मृदुला शर्मा, आयोजन सचिव डॉ. प्रगति अग्रवाल, डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. नीरा अग्रवाल, डॉ. भारती सरन, डॉ. गायत्री सिंह, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल अग्रवाल, डॉ. भारती सरन, डॉ. मोनिका वार्ष्णेय, डॉ. संध्या गंगवार, डॉ. भारती माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।

दो महीने पहले अभिनेता विकास मैसी की पत्नी का कराया प्रसव
मुंबई से आईं वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुचित्रा पंडित ने बताया कि बरेली से उनका गहरा नाता है, शहर के रामपुर गार्डन स्थित आवास में उनका बचपन बीता है, सेंट मारिया स्कूल से 5वीं तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया। 

मुंबई और लंदन से उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की, वह तीन साल तक कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष भी रही हैं। इस दौरान उन्होंने कई फिल्म अभिनेता, टीवी कलाकार की पत्नियों का प्रसव भी कराया। दो महीने पहले उन्होंने 12 वीं फेल फिल्म के अभिनेता विक्रम मैसी की पत्नी का प्रसव कराया था।

जितना आराम, उतनी ही बढ़ती है गर्भावस्था में जटिलता
डॉ. सुचित्रा पंडित ने बताया कि लगातार बदलते परिवेश में लोग आराम परस्त हो गए हैं खासकर महिलाओं के लिए यह काफी खतरनाक है। शहरी क्षेत्र की महिलाओं की तुलना में ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के सामान्य प्रसव अधिक होते हैं, क्योंकि गांव की महिलाएं गर्भावस्था के दौरान जमीन पर बैठकर सब्जी काटना, झाडू लगाना, अन्य कार्य करती हैं जबकि शहरी क्षेत्र की महिलाएं शौच जाने पर भी विदेशी टॉयलेट का उपयोग करती हैं, वहीं एक निर्धारित समय के लिए जिम जाती हैं, जिससे जटिलताएं जांच में सामने आती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक गतिविधि जारी रखना बहुत आवश्यक है। बताया कि अगर कम वजन का भी बच्चा जन्म ले रहा है तो अब तमाम ऐसी विधि आ गई हैं जिससे जच्चा-बच्चा को तुरंत जान जाने की जोखिम से बचाया जा सकता है। बस यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हमें कुशल चिकित्सक का चुनाव करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होती थी अक्सर मुलाकात, नीट परीक्षा में भाषा संशोधन कर निभाई मित्रता : डॉ. एमसी पटेल
अहमदाबाद से आए वरिष्ठ डॉक्टर एमसी पटेल ने बताया कि अभी भी संस्थागत प्रसव कराने में हमारा देश पिछड़ रहा है ऐसा न करने से मातृ-शिशु दर प्रभावित होती है लेकिन सरकार की ओर से बीते सालों से चलाए जा रहे सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रमों की जागरूकता के चलते मातृ-शिशु दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। उन्होने बताया कि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बीते सालों में देश में 1 लाख गर्भवती महिलाओं में 300 की मौत इलाज के दौरान होती थी लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 100 के करीब हुआ है लेकिन इससे 70 तक लाने के लिए जागरुक होना बहुत जरुरी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मित्रता के किस्से को किया साझा
वार्ता के दौरान डॉ. एमसी पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मित्रता का किस्सा भी साझा किया, उन्होने बताया कि जब वह भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के सदस्य थे इस दौरान जहां में विशेषज्ञता की पढ़ाई करने के लिए हॉस्टल में रहते थे तो अक्सर नरेंद्र मोदी यहां आते हैं इस दौरान कई बार दोनों की मुलाकात हुई। 

उन्होने बताया की वर्ष 2016 में वह देश भर के 7 वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का समय लिया तो 20 मिनट का समय उन्हें दिया गया, इस पर उन्होने नीट का एग्जाम अंग्रेजी ही नहीं सभी भाषाओं में कराने का आग्रह किया था इस पर पीएम ने छात्र हित को देखते हुए मामले की गंभीरता समझते हुए पूर्व में जारी हुए आदेश में संशोधन कराने को अर्जी दी थी जिसके बाद से ही नीट की परीक्षा सभी मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती समेत सभी भाषाओं में हो रही है।

हर दूसरी गर्भवती महिला एनीमिया से ग्रसित, हर परिवार हो जागरूक
लखनऊ से आईं वरिष्ठ डॉक्टर प्रीति कुमार ने बताया कि वह बीते करीब दस साल से सरकार की ओर से संचालित साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनोकॉलोजी संस्था के मातृत्व सुरक्षा कार्यक्रम की अध्यक्ष हैं उन्होने बताया कि उनकी टीम एनीमिया मुक्त देश बनाने के प्रति अभियान में कार्य कर रही हैं, सर्वे में सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आ रही हैं कि हर दूसरी गर्भवती महिला एनीमिया से ग्रसित मिल रही है। 

इसके कई कारण हैं सामने आएं है, सबसे प्रमुख कारण है कि जागरूकता का अभाव। गर्भवती महिला को 4 माह के बाद कीड़े की दवा जरुर लेनी चाहिए वहीं गर्भावस्था के 180 दिन तक और प्रसव के 180 दिन बाद तक आयरन की गोली का सेवन जरुर करना चाहिए। समय-समय पर कुशल चिकित्सक की सलाह जरुर लें।

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