बदायूं: विभाग के नाम होगा परिषदीय शिक्षकों के टैबलेट का सिम, इंटरनेट खर्च का भी भुगतान करेगा विभाग

सिम खरीदने और इंटरनेट की धनराशि रोककर स्कूलों को दी जाएगी कंपोजिट ग्रांट की धनराशि 

बदायूं: विभाग के नाम होगा परिषदीय शिक्षकों के टैबलेट का सिम, इंटरनेट खर्च का भी भुगतान करेगा विभाग

बदायूं, अमृत विचार। टैबलेट संचालन को लेकर कई माह से चला आ रहा गतिरोध जल्द ही टूटता हुआ दिखाई देगा। जल्द ही विभाग द्वारा सिम को खरीदकर शिक्षकों को उपलब्ध कराया जाएगा। यह सिम स्कूलों के रखरखाव के लिए मिलने वाली कंपोटिव ग्रांट से खरीदा जाएगा। साथ ही इसी धनराशि से इंटरनेट खर्च का भुगतान किया जाएगा। जिसके निर्देश महानिदेशक शिक्षा ने बीएसए को जारी किए हैं। धनराशि सिम खरीदने में आई लागत और इंटरनेट खर्च को रोककर स्कूलों में भेजी जाएगी।

शिक्षकों और बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी को लेकर 3373 टैबलेट शिक्षकों में बांटे गए थे।  लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध शुरु कर दिया। वह विभाग के नाम सिम और इंटरनेट खर्च की धनराशि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हालांकि ऑनलाइन हाजिरी को विभागीय अधिकारी द्वारा काफी प्रयास किया गया। परंतु शिक्षक अपनी मांग पर अड़े रहे। नतीजा यह निकला कि आज तक टेबलेट का संचालन शिक्षकों द्वारा शुरू नहीं हो सका। यह स्थिति जिले  में ही नहीं प्रदेश भर के जनपदों में है। इसी गतिरोध को खत्म करने  लिए शासन ने शिक्षकों के द्वारा सिम खरीदने के अपने फैसले को पलट दिया है। अब विभाग स्तर से ही सिम खरीद के शिक्षकों में बांटे जाएंगे। साथ ही इंटरनेट खर्च का भुगतान भी विभाग द्वारा किया जाएगा। 

सिम खरीद और इंटरनेट यूज करने में खर्च होने वाली धनराशि का भुगतान कंपोजिट ग्रांट से किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग को कंपोजिट ग्रांट को मिलने वाले बजट में से यह धनराशि रोककर स्कूलों में भेजी जाएगी। जिसके निर्देश महानिदेशक शिक्षा ने बीएसए को जारी किए हैं। साथ ही कहा है कि पीएम श्री योजना से आच्छादित स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट स्कूलों के लिए नहीं दी जाए। आदेश में कहा गया है कि कंपोजिट ग्रांट के खर्च का ब्योरा दीवार पर मदवार चस्पा किया जाए। इस संबंध में बीएसए स्वाती भारती ने बताया कि महानिदेशक शिक्षा का आदेश प्राप्त हो गया है। जल्द ही सिम खरीद के शिक्षकों में बांटे जाएंगे।

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