आबकारी नीति: ईडी ने केजरीवाल के पीए, आप विधायक से की पूछताछ

आबकारी नीति: ईडी ने केजरीवाल के पीए, आप विधायक से की पूछताछ

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक (पीए) बिभव कुमार और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक से आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में सोमवार को पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बताया कि कुमार का बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया जा रहा है। ईडी इस मामले में इन दोनों से पहले भी पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल की गतिविधियों और कार्यक्रमों के सिलसिले में कुमार से पूछताछ जरूरी है। मुख्यमंत्री केजरीवाल (55), आप के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं और उन्हें पिछले महीने इस मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। 

एजेंसी ने अपने पहले के आरोपपत्रों में आरोप लगाया था कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और कुमार सहित कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की "रिश्वत" के सबूत छुपाने के लिए 170 फोन "नष्ट किए, इस्तेमाल किए या बदल दिए।’’ 

पिछले साल एक स्थानीय अदालत में दाखिल ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, बिभव के मोबाइल नंबर का आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) सितंबर 2021 और जुलाई 2022 के बीच चार बार बदला। समझा जाता है कि राजिंदर नगर निर्वाचन क्षेत्र से आप के विधायक पाठक (35) को एजेंसी ने गोवा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के 2021-22 चुनाव अभियान के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था। 

ईडी ने आरोप लगाया है कि 'साउथ ग्रुप' द्वारा प्रदान की गई 100 करोड़ रुपये की "रिश्वत" में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल आप द्वारा इस प्रचार अभियान के लिए किया गया था। एजेंसी ने दावा किया है कि विजय नायर और पाठक जैसे आप सदस्यों द्वारा प्रबंधित प्रचार अभियान गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को नकद भुगतान किया गया था। 

एजेंसी ने अदालत को सूचित किया कि उसने गोवा चुनाव के दौरान आप की चुनाव प्रचार अभियान संबंधी गतिविधियों में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं और यह पाया गया कि सर्वेक्षण कार्यकर्ताओं, क्षेत्र प्रबंधकों, विधानसभा प्रबंधक आदि जैसे कार्यों के लिए उन्हें नकद भुगतान किया गया था।" ईडी ने कहा था, "चुनाव प्रचार अभियान से संबंधित इन व्यक्तियों और गतिविधियों को समग्र रूप से विजय नायर (इस मामले में गिरफ्तार पूर्व आप संचार प्रमुख) और आप विधायक दुर्गेश पाठक द्वारा प्रबंधित किया गया था।" 

आबकारी मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया। 

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