संभल के इस गांव में सैंकड़ों साल से नहीं होता होलिका पूजन, जानिए क्या है ऐसी वजह...याद कर लोगों की आंखें हो जाती हैं नम

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Published By Vikas Babu
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बबराला/संभल, अमृत विचार: संभल जनपद के गुन्नौर तहसील क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां करीब सौ साल से होलिका पूजन नहीं होता। रजपुरा विकास खंड के गांव भगता नगला के ग्रामीणों के मुताबिक गांव में करीब सौ साल पहले महामारी के दौरान दुखद घटनाएं हुई थीं। उसके बाद से ही ग्रामीण इस गांव में होली पूजन नहीं करते हैं। हालांकि होली के दिन महिलाएं चामुंडा माता की पूजा अर्चना कर गांव में सुख-शांति की कामना करती हैं। 

बुजुर्ग ग्रामीणों के अनुसार करीब सौ साल पहले होली के समय महामारी से मौतों के बाद गांव में होली नहीं मनाई गई। गरुण पुराण में उल्लेख है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस घर में चूल्हा जलाने से उस व्यक्ति की आत्मा को दुख पहुंचता है। इसलिए घरों में 13 दिनों तक चूल्हा नहीं जला और पूजा नहीं हुई। बुजुर्ग बताते हैं कि उनके दादा-परदादा भी यही बताते थे। 

हालांकि वह घटना किस साल हुई थी, इसकी जानकारी उनको भी नहीं है। उनका यह भी कहना है कि उस दुखद घटना से पहले गांव में होली का त्यौहार परंपरागत रीति रिवाज से मनाया जाता था। हालांकि, बाद में होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई लेकिन आज भी गांव की महिलाएं होली के दिन घरों में पूजा नहीं करतीं। अब, महिलाएं गांव के बाहर चामुंडा पर पूजा करती हैं।

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