रामोत्सव: पारंपरिक अवधी लोकगीत और बिरहा ने बांधा समां, निशु त्यागी के कथक नृत्य ने दर्शकों को किया मोहित

रामोत्सव: पारंपरिक अवधी लोकगीत और बिरहा ने बांधा समां, निशु त्यागी के कथक नृत्य ने दर्शकों को किया मोहित

अयोध्या। अमृत विचार। रामोत्सव के तहत राम कथा पार्क में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अवधी लोकगीतों, शास्त्रीय नृत्य और नृत्य नाटिकाओं की धूम मची है। 

गुरुवार को आयोजित संध्या का शुभारंभ अंबेडकरनगर के प्रख्यात बिरहा गायक छविलाल पाल ने किया। पारंपरिक अवधी लोकगीत और बिरहा की प्रस्तुति दी। रमेश चंद्र यादव, अजीत यादव, कृष्णकांत पांडेय, रामकुमार राजेश और पवन कुमार पाल संगतकार के रूप में थे। निशु त्यागी ने कथक नृत्य शैली के माध्यम से सबसे पहले श्रीहरी स्तोत्रम का गायन और उस पर कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने अवध की होली खेल कर राम और सीता के स्वरूप को दिखाया।

वृंदावन के आशीष सिंह और उनके दल ने भगवान श्री राम के राज्याभिषेक के दृश्य का मंचन किया। जिसमें लोक भजन और लोकगीतों के माध्यम से प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन पर हुए उल्लास और आनंद को दिखाया गया। पंजाब से आए धर्मेंद्र सिंह और उनके दल के कलाकारों ने पंजाब के पारंपरिक भांगड़ा को मंच पर प्रस्तुत करके पूरे पंडाल को झुमा दिया।

संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्रा ने किया। कलाकारों का सम्मान अतुल कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर करपात्री महाराज, शिवांश त्रिवेदी, राघव दास, शर्मिला, भक्ति समेत भारी संख्या में दर्शक देर रात तक उपस्थित रहे।

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