मुरादाबाद: तो इस वजह से कम हो रही हज पर जाने वालो की संख्या

(अब्दुल वाजिद) मुरादाबाद, अमृत विचार। हज यात्रा महंगी होने के कारण इसका सीधा असर हज यात्रियों पर दिख रहा है। 10 जनवरी तक कुल 760 आजमीने हज ने आवेदन किया है। हालांकि उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति ने आजमीने हज को आवेदन करने के लिए एक मौका और दिया और तारीख 15 दिसंबर 2023 से बढ़ाकर 15 जनवरी 2024 कर दी गई थी। ताकि आजमीने हज की तादाद बड़े और अल्लाह के घर का दीदार कर लें। ऐसे में यात्रियों का निर्धारित कोटा मिलना मुश्किल हो रहा है।
हज पर जाना और अल्लाह के घर का दीदार करना हर मुस्लमान की ख्वाहिश होती है। देशभर से लाखों की तादाद में मुस्लमान सऊदी अरब के मक्का - मदीना शहर में हज के लिए जाते हैं। लेकिन जिला मुरादाबाद से इस बार हज पर जाने वाले आजमीने हज की तादाद पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है। कुछ का मानना है की हज बहुत महंगा होने की वजह से अब लोग हज पर नही जा रहे हैं, जबकि उमराह पर जाने वालों की तादाद काफी बढ़ रही है। साल 2022-23 में 2555 आजमीने हज सऊदी अरब पहुंचे थे। जबकि साल 2023-24 में ये तादाद बहुत कम हो गई है। आजमीने हज के लिए कम आवेदन आने की उलेमा और हज ट्रेनर कई वजह बताते हैं।
मुफ्ती दानिश-उल-कादरी के मुताबिक हज पर जाने का खर्चा बहुत ज्यादा हो गया है। जिस पर अब लोग उमरे को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं। हालांकि वह इस रिवाज को गलत मानते हैं और उनका कहना है की लोगों की कम इल्मी की वजह से इस तरह के हालात बन रहे हैं। हज पर जाना एक मुकद्दस अमल है और लोगों ने इसको कम करना शुरू कर दिया है। जिस पर गौर व फिक्र की जरूरत है। उन्होंने आगे बताया कि हज पर जाना फर्ज है। इसलिए जो लोग इस काबिल है कि वह हज का खर्चा उठा सकते हैं उन्हें हज पर जाना चाहिए।
हज ट्रेनर फैसल खुसरो भी हज महंगा होना बड़ी वजह मानते हैं। उनके मुताबिक हज महंगा होने की वजह से मुस्लिमों में उमराह करने का क्रेज बढ़ा है। यही वजह है की इस बार आवेदन पिछले साल के मुकाबले कम आए हैं।
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