ट्रक चालकों का प्रदर्शन: पंजाब में ईंधन की कमी की आशंका के बीच पेट्रोल पंप पर लोगों की उमड़ी भीड़
चंडीगढ़/लुधियाना/अंबाला। ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों के संबंध में नए कानून में सख्त दंड के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक चालकों के प्रदर्शन के बीच पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर मंगलवार को पेट्रोल पंप पर ईंधन लेने के लिए मोटर चालकों की कतार लग गई। हरियाणा में निजी बस संचालक और कुछ ऑटो-रिक्शा यूनियन भी नए प्रावधान के विरोध में शामिल हो गए हैं और अंबाला में कुछ पेट्रोल पंपों ने ईंधन की कमी की सूचना दी है।
दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में भी वाहन मालिक ईंधन की कमी की आशंका में ईंधन खरीदते दिखे। औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
कई राज्यों में ट्रक चालकों ने ‘‘कड़े प्रावधान’’ के खिलाफ सोमवार को तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया। ईंधन की किल्लत की आशंका से घबराए लोगों के पेट्रोल पंपों पर उमड़ने से पैदा हालात के मद्देनजर आंदोलन के दूसरे दिन पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने सरकार को पत्र लिखा। एसोसिएशन ने अपने पत्र में इसकी वजह से पेट्रोल पंपों पर ईंधन की उपलब्धता प्रभावित होने का जिक्र किया है।
पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में लगभग 4,000 पेट्रोल पंप हैं और सोमवार से आंदोलन के कारण ईंधन आपूर्ति प्रभावित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जैसे ही खबर फैली कि ट्रक चालक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हड़ताल पर चले गए हैं, लोग पेट्रोल पंपों की ओर दौड़ पड़े... हड़ताल के कारण हमें ईंधन की आपूर्ति भी नहीं मिल रही है... ये चालक विरोध प्रदर्शन के तहत तेल टैंकरों को ईंधन भंडार लेने के लिए डिपो में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘अगर यही स्थिति जारी रही, तो जल्द पेट्रोल पंपों पर ईंधन का भंडार समाप्त हो सकता है। इसी के चलते हमने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है...।’’ ट्रक चालक रवींद्र सिंह खालसा ने कहा कि वे नए कानून में ‘‘कड़े प्रावधानों’’ को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। ट्रक ऑपरेटर सुशील कुमार ने कहा, ‘‘नया कानून चालकों के हितों के खिलाफ है। कोई भी जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाना या मौत का कारण नहीं बनना चाहता, लेकिन दुर्घटनाएं होती हैं।
ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते हैं और कभी-कभी भीड़ वाहन को नुकसान पहुंचाती है और चालक को भी नुकसान पहुंचाती है। हम मांग करते हैं कि नए कानून में संशोधन किया जाए।’’ चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग के सचिव पंकज शर्मा के अनुसार, लुधियाना में ट्रक चालकों के राजमार्गों पर विरोध प्रदर्शन के कारण माल की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न स्थानों के लिए जरूरी सामान के खेप की आपूर्ति भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है।’’ लुधियाना में एक पेट्रोल पंप के मालिक संजीव गर्ग ने कहा कि वह ईंधन का भंडार खत्म होने तक उसे बेचना जारी रखेंगे। गर्ग ने कहा कि उन्हें सोमवार से ईंधन की नयी आपूर्ति नहीं मिली है। रसोई गैस एजेंसी कार्यालयों पर भी लोगों की लंबी कतार दिखी।
गैस सिलेंडर की कमी की आशंका के कारण लोगों ने सिलेंडर की खरीददारी की। लोगों को डर है कि अगर हड़ताल लंबे समय तक जारी रही तो इसकी किल्लत हो जाएगी। कुछ व्यापारियों के अनुसार, ट्रक, टेम्पो और कंटेनर के सड़कों पर नहीं चलने से फलों और सब्जियों की आपूर्ति पर भी असर पड़ने की आशंका है।
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवींद्र सिंह ढिल्लों ने कहा कि हरियाणा के अंबाला में कुछ पेट्रोल पंपों ने पहले ही पेट्रोल और डीजल की कमी की सूचना दे दी है क्योंकि पिछले दो दिनों में कोई नयी आपूर्ति नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ईंधन की आपूर्ति रेवाड़ी, हिसार और पानीपत डिपो से की जाती है, लेकिन विभिन्न ट्रक यूनियन टैंकरों को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति नहीं करने दे रही हैं।
ढिल्लों ने कहा, ‘‘तेल टैंकर पिछले दो दिनों से वहां फंसे हुए हैं। ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर बमुश्किल एक या दो दिनों का ईंधन भंडार बचा है। अगर आपूर्ति तुरंत बहाल नहीं हुई तो हमें पेट्रोल पंप बंद करने पड़ेंगे।’’ अंबाला शहर में एक पेट्रोल पंप के मालिक राजेश खोसला ने कहा कि अगर आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो उन्हें शाम तक पेट्रोल पंप बंद करना पड़ेगा।
ये भी पढ़ें - कारसेवक की गिरफ्तारी पर सिद्धरमैया ने कहा- जबतक कोर्ट बरी न कर दे, तबतक व्यक्ति रहता है अपराधी