लखनऊ: यहां मच्छरों से लगता है डर..., लोग बोले- कॉलोनी का नाम सुनकर लिया था प्लॉट, अब हो रहा पछतावा

फैजुल्लागंज चतुर्थ वार्ड की कृष्णपुरी कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं स्थानीय लोग

लखनऊ: यहां मच्छरों से लगता है डर..., लोग बोले- कॉलोनी का नाम सुनकर लिया था प्लॉट, अब हो रहा पछतावा

लखनऊ, अमृत विचार। फैजुल्लागंज चतुर्थ वार्ड की कॉलोनी नाम 'कृष्णपुरी'। लोगों को सब्जबाग दिखा यहां प्लॉट बेचे गए थे। प्रॉपर्टी डीलर ने इस कॉलोनी को क्षेत्र की सबसे खूबसूरत कॉलोनी बनाने का वादा किया था, लेकिन बाद लोगों को जल्द ही हकीकत पता चल गई। गलियों में गंदगी, सीवर का बहता पानी, जलभराव में पनपते लार्वा, तैयार होती मच्छरों की फौज ने लोगों का यहां जीना दूभर कर दिया है। हर साल यहां डेंगू से लोगों की जान जाती है।

मच्छरजनित अन्य बीमारियों से लोग परेशान रहते हैं। चुनाव के समय मूलभूत सुविधाएं देने का वादा कर वोट लेने वाले जनप्रतिनिधि भी चुनाव जीतने के बाद यहां सुध नहीं लेने आते। समस्याओं को जानने के लिए 'अमृत विचार आपके द्वार' टीम रविवार को कॉलोनी पहुंची, तो लोगों का हुजूम अपना दर्द बयां करने को उमड़ पड़ा।

यहां कूड़ा उठाया नहीं, जलाया जाता है

स्थानीय लोगों ने टीम को यहां दिखाया कि नगर निगम की कूड़ा गाड़ी कभी कूड़ा लेने आती नहीं है और न ही सफाई कर्मी कभी दिखते हैं। लेकिन आसपास की अन्य कॉलोनियों का कूड़ा लाकर यहां एंट्री पॉइंट पर ही डंप करके जलाया जाता है। इससे कॉलोनी के अंदर धुआं भरने से लोग परेशान होते हैं। कई बार शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हुई।

गलियों में बहता है सीवर का गंदा पानी

करीब 20 साल पहले यह कॉलोनी बसना शुरू हुई थी। आज तक समूचा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। यहां सीवर लाइन तो बिछा दी गई है, लेकिन कनेक्टिविटी न होने से कई जगह से सीवर का पानी उफनाता रहता है। चेंबर से गंदा पानी बाहर निकलता रहता है। लोग इसी गंदे पानी से होकर घरों तक पहुंचने को मजबूर हैं।

सड़क न नाली, खाली प्लॉट बने तालाब

कॉलोनी में एक भी सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। न ही नालियां बनी हैं। इससे घरों से निकलने वाला गंदा पानी कच्चे रास्तों और खाली प्लॉटों में भरता है। इससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। मच्छरजनित बीमारियों से कब कौन बीमार पड़ जाए, अस्पताल पहुंच जाए, कहना मुश्किल है।

नाला बन जाए तो मिल जाए जलभराव से राहत

गौरभीठ रोड के किनारे से बड़ा नाला निकला है। लोगों का कहना है कि नाले का निर्माण कार्य अधूरा है। यदि इसका निर्माण पूरा कराकर कॉलोनी से जल निकासी को इससे जोड़ दिया जाए तो राहत मिल सकती है।

जलभराव से अक्सर घरों में रहना पड़ता है कैद

स्थानीय लोगों ने बताया कि जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं। यहां तक बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है। कई बार तो बच्चों को स्कूल जाने से रोक देना पड़ता है। बरसात के समय यहां की स्थिति काफी बदतर हो जाती है। इलाके के कई लोग अपना घर बेच कर दूसरी जगह चले गए हैं। कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान देने को तैयार नहीं।

बोले स्थानीय लोग

कॉलोनी में निकलने लायक रास्ते तक नहीं हैं। वाहन पलटना आम बात है। कई बार यहां के मार्गों पर ई-रिक्शा पलट चुके हैं। इससे कई लोग चोटिल हुए हैं..., तारा श्रीवास्तव।

जल निकासी बड़ी समस्या है। रास्तों व प्लॉटों में पानी भरा रहता है। इससे मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप सालभर बना रहता है...,सरोज यादव। 

कहने को तो सीवर लाइन पड़ी है, लेकिन मुख्य सीवर लाइन से कनेक्टिविटी न होने से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। नतीजा सीवर का उफनाना हर वक्त जारी रहता है...,शांति देवी।

वाटर लाइन न होने से पेयजल की भी समस्या है। क्षेत्र में सरकारी नल लगवाने के लिए कई बार पार्षद से कहा जा चुका है, लेकिन कब लगेगा बताने वाला कोई नहीं...,नीलम गुप्ता।

पूरी कॉलोनी में मार्ग प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। इससे शाम होते ही अराजकतत्वों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। विरोध पर यह अभद्रता करने लगते हैं...,बबली मिश्रा।

सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई, लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला...डीएन पांडेय।

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था चौपट है। सफाईकर्मी तो यहां कभी नहीं आते हैं। शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं होती...,प्रिंस गौतम।

चुनाव के समय तो जनप्रतिनिधियों द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद यहां कोई झांकने तक नहीं आता है। समस्याओं में जीने की मजबूरी है...,सोनू गुप्ता।

कॉलोनी से कूड़ा उठान तो दूर की बात, नगर निगम कर्मी दूसरी कॉलोनी से कूड़ा लाकर यहां जलाते हैं। कॉलोनी में धुआं भरने से लोग परेशान हो रहे हैं...,पूनम पांडेय।

कॉलोनी में बेतरतीब तरीके से सीवर लाइन डाली गई है। ओवरफ्लो होने के कारण रास्ते में ही सीवर का गंदा पानी बहता रहता है..., एके पांडेय।

जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण बारिश के समय तो मानो मुसीबत टूट पड़ती है। लोग कई दिनों तक घरों में ही कैद होने को मजबूर हो जाते हैं..., सुदर्शन लाल।

सड़क, नाली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी हम सभी वंचित हैं। अब यहां प्लॉट लेकर पछतावा हो रहा है। जनप्रतिनिधियों को अपने वादे निभाने चाहिए...दिलीप तिवारी।

सामाजिक कार्यकर्ता ने बयां किया दर्द

कृष्णपुरी कॉलोनी के नागरिक सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। पार्षद अपनी विकास निधि निजी शादी लॉन के आसपास विकास कराने व प्रॉपर्टी डीलरों को लाभ पहुंचाने में खर्च कर रहे हैं। जहां लोग अभी रहते तक नहीं हैं। वहां सड़क बनाई जा रही है। जनता भीषण गंदगी व जलजमाव के बीच खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। सफाई के नाम पर क्षेत्र में कुछ भी नहीं हो रहा है, कार्यदायी सुपरवाइजर कॉलोनी के इंटरेंस पर कूड़े का ढेर जलवा देता है। कालोनी में भीषण गंदगी व्याप्त है..., ममता त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता।

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