अल्मोड़ा: गले नहीं उतर रही चंद रुपयों के लिए पिता की हत्या की बात...

अल्मोड़ा, अमृत विचार। लमगड़ा विकासखंड के भांगादेवली गांव में सेवानिवृत्त आईटीबीपी कर्मी सुंदरलाल की हत्या उसके बच्चों ने चंद रुपयों के चक्कर में कर दी, यह बात आसानी से किसी के गले नहीं उतर रही है। पुलिस चारों अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है लेकिन अब तक हत्याकांड के पीछे जो बातें सामने आई हैं, उन पर विश्वास करने को कोई तैयार नहीं है। ग्रामीण इसके पीछे बड़ी लड़की के प्रेम प्रसंग की राह में पिता के रोड़ा बनने को कारण मान रहे हैं।
भांगादेवली गांव निवासी सुंदरलाल ने अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए देहरादून में रखा था। वह देहरादून में पिता को आवंटित आईटीबीपी कैंपस सीमाद्वार थाना बसंतपुर के आवास में रह रहे थे। विधुर सुंदरलाल कुछ महीनों पहले सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव में भाई ओमप्रकाश के परिवार के साथ रहने को आ गए। बीते 28 दिसंबर को सुंदरलाल के तीनों बच्चे अपने एक दोस्त के साथ गांव आए। पूर्व निर्धारित योजना के तहत उन्होंने 29 दिसंबर की देर रात पहले अपने चाचा ओमप्रकाश और उसके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट कर उन्हें घर से भगा दिया। इसके बाद बड़ी बेटी डिंपल के प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पिता की रस्सी से बांधकर नृशंसता से हत्या कर दी।
इस मामले में मृतक की बड़ी बेटी डिंपल ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह तीनों भाई बहन देहरादून में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता कुछ समय से उन्हें रहने और खाने के लिए पैसा नहीं दे रहे थे। इस कारण डिंपल ने अपने प्रेमी हर्षवर्द्धन को दिल्ली से बुलाया और चारों ने योजना बनाकर शुक्रवार की देर रात अपने पिता सुंदर लाल को घर में पहले रस्सी से बांधा और फिर डंडों और दराती से वार कर उनकी हत्या कर दी।
लमगड़ा थाने के थानाध्यक्ष दिनेश महंत ने बताया कि पुलिस टीम को मौके से दो डंडे, एक दरांती और रस्सी मिली है। भांगादेवली गांव के ग्रामीण और सुंदर लाल के परिजन हालांकि आरोपियों की इस कहानी पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। गांव में यह बात कही जा रही है कि बड़ी बेटी का प्रेम प्रसंग शायद पिता को पसंद नहीं हो इसलिए प्रेमी को पाने के लिए भाई बहन और प्रेमी के साथ मिलकर पिता को रास्ते से हटा दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि जांच के बाद पूरा मामला सबके सामने आ जाएगा।