मुरादाबाद: गन्ना पर्ची देर से मिलने से गेहूं की बुआई पर असर

मुरादाबाद, अमृत विचार। गन्ना पर्ची देरी से मिलने की वजह से गेहूं की बुआई पर असर पड़ रहा है। क्योंकि अधिकांश किसान गन्ना डालकर ही गेहूं की बुआई करते है। किसानों ने कहा चीनी मिलें इस समय ज्यादा से ज्यादा गन्ना पर्ची जारी करें। जिले में करीब एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की जाएगी। कृषि विभाग की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान पर गेहूं की बीज मिलेगा।
जिले में चीनी मिलों का संचालन शुरू हो गया है। किसानों के मोबाइल पर गन्ना पर्ची का मैसेज पहुंच रहा है, लेकिन किसानों का कहना है कि पेड़ी की गन्ना पर्ची कुछ कम मिल रही हैं। जिससे खेत खाली कराने को लेकर कोल्हू पर भी औने-पौने दाम पर गन्ना डालने को मजबूर हैं। गन्ना पर्चियों की संख्या बढ़ाई जाए। जिससे किसान समय से गन्ना डालकर गेहूं की बोआई कर सकें, लेकिन पर्चियों की चाल धीमी है।
किसान सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सोमेंद्र सिंह का कहना है कि मोबाइल पर पर्ची का एसएमएस मिलने से फायदा तो है, पहले पर्ची मिलने में दिक्कत आती थी। कहा कि चीनी मिल किसानों की पर्चियों की संख्या के अनुसार जारी करें। हालांकि कृषि विभाग की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर गेहूं की बीज मुहैया कराया जा रहा है।
अब किसान तेजीसे गेहूं की बुआई की तैयारी में भी लगा है, लेकिन खेत खाली करने में दिक्कत आ रही है। पहले गन्ना डाला जाएगा और फिर पलेवा करके खेत तैयार किया जाएगा। जिसमें समय लगता है। अब दिसंबर तक चीनी मिल ज्यादा से ज्यादा पर्ची जारी करें। इसके साथ ही सरकार को भी गन्ने का रेट घोषित करना चाहिए। जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन ने बताया कि गन्ना पर्ची कैलेंडर के अनुसार ही जारी की जाती है। मिल चल रहे हैं और पर्चियां भी किसानों को भेजी जा रही हैं।
ये भी पढ़ें:- तालिबान सरकार कर रही टीटीपी की मदद, पाकिस्तानी राजनयिक ने लगाया आरोप