कोरोना के खिलाफ सरकार ने प्रभावी कदम उठाए: हर्षवर्धन

कोरोना के खिलाफ सरकार ने प्रभावी कदम उठाए: हर्षवर्धन

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। इसका परिणाम है कि आज देश में प्रति तीन किलोमीटर पर कोविड-19 के संक्रमण से निपटने का कोई ना कोई केंद्र है एवं 1773 लैब …

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। इसका परिणाम है कि आज देश में प्रति तीन किलोमीटर पर कोविड-19 के संक्रमण से निपटने का कोई ना कोई केंद्र है एवं 1773 लैब में इस संक्रमण की जांच की जा रही है।

डॉ. हर्षवर्धन ने लोकसभा में रविवार को करीब चार घंटे तक देश में कोविड 19 वैश्विक महामारी की पर चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में सरकार ने हर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। प्रधानमं‍त्री मोदी के नेतृत्व में इस लड़ाई में सभी राज्यों, विभिन्न सामजिक और धार्मिक संगठनों और नागरिकों ने मिल जुलकर काम किया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन 30 जनवरी को दुनिया को चेतावनी दी थी कि कोई खतरनाक वायरस आया है लेकिन सरकार ने उससे पहले ही आठ जनवरी को अपना काम शुरू कर दिया था और 17 जनवरी तक सभी राज्यों को इस संबंध में परामर्श जारी कर दिए गए थे।

उन्होंने कहा लगभग आठ महीने पहले देश में कोरोना वायरस से निपटने का कोई इंतजाम नहीं था लेकिन सरकार के समन्वित प्रयासों से महामारी से निपटने के लिए एक बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन दस लाख पीपीई किट अपने देश मे आयात किया जा रहा है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस पर हमारे वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं और वायरस का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। कोविड 19 के वैक्सीन आने के बाद उसका किस प्रकार से और कब कहां इसका प्रयोग करना है इस मामले भी सरकार ने तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक जो भी एहतियाती कदम बताए गए है उसका सख्ती के साथ पालन करने की जरूरत है और सदस्यों अपने-अपने इलाकों में इसके लिए काम करने की जरूरत है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद कई इलाकों में देखा गया है कि लोग गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं और लोगों को लग रहा है की सब ठीक हो गया है। अगर कोरोना से बचाव के लिए बताए गए एहतियाती कदम का सख्ती से पालन किया गया तो इस महामारी पर विजय हासिल करने में देर नहीं लगेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने विषम परिस्थितियों में देश के बाहर फंसे लोगों को सुरक्षित अपने देश में लेकर आई। वंदेमातरम योजना के तहत 12 लाख से अधिक नागरिकों को दुनिया के कई देशों से स्वदेश लाने में सफल हुए। उन्होंने विपक्ष के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि सरकार ने बिना सोचे समझे अचानक लॉकडाउन का फैसला लिया।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 16 से 23 मार्च के बीच कई राज्यों ने आंशिक अथवा पूर्ण रूप से लॉकडाउन किया था। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी के इलाज की वैक्सीन बनाने का काम तीन चरणो में चल रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस से निपटने में वैक्सीन आने के बाद इसके उत्पादन और वितरण में समय लगेगा इसलिए मास्क पहनने, सुरक्षित दूरी बनाने और बार-बार हाथ धोने और हाथ को मुंह और नाक तक नहीं ले जाने के मानक का पालन करना चाहिए।

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