हल्द्वानी: हाईवे निर्माण की एक साल पुरानी फोटो दिखाने पर भड़के मंडलायुक्त

हल्द्वानी, अमृत विचार। मंडलायुक्त दीपक रावत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग की समीक्षा बैठक की। बैठक में अधिकारियों के पूरी जानकारी के साथ नहीं आने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। उन्होंने गतिमान योजनाओं की फोटो में तारीख अंकित की जाए ताकि निर्माण की गति पता चल सके।
समीक्षा में बैठक में रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से कहा कि काशीपुर-रामनगर-बुवाखाल (883 किमी) में फोरलेन निर्माण बन रहा है। फिर भी रामनगर में लगभग एक वर्ष से स्थिति जस की तस बनी हुई है। पिछले वर्ष नवंबर में जो फोटो दिखाई गई थी, एक वर्ष बाद भी भी वही फोटो दिखाई जा रही है। उन्होंने सोमवार तक रामनगर क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिए ताकि प्रतिदिन कार्यों की मानिटरिंग की जा सके। सीसीटीवी भी इस तरह लगाए जाए कि सारी गतिविधियों की लाइव फीडिंग मिल सके।
एनएच के मुख्य अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि मार्च 2024 तक काम पूरा होना है, यदि कार्यदायी संस्था जनवरी तक काम में तेजी नहीं लाती है तो उक्त संस्था के खिलाफ टरमिनेशन की कार्रवाई की जाएगी।
मंडलायुक्त ने अल्मोड़ा हाइवे में क्वारब से पहले पुल का निर्माण धीमी गति से होने पर भी नाराजगी जताई। मुख्य अभियंता ने बताया कि एबेटमेंट तैयार हो चुके हैं, 20 नवंबर तक पार्ट्स आने के बाद 20 दिसंबर तक शटरिंग आदि हो जाएगी। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि यदि 20 नवंबर तक उन्होंने मुख्य अभिंयता को निर्देश दिये कि 20 नवम्बर तक पार्ट्स नहीं आएं तो उक्त स्थान पर सीसीटीवी लगाया जाए।
मंडलायुक्त रावत ने कहा कि रामनगर में रिंग रोड सुखपुर से होकर एनएच 121 में 6 किमी सड़क बननी है, इसकी लागत 7 करोड़ रुपये है। इस योजना में गति बहुत धीमी है। इस पर लोनिवि के मुख्य अभियंता ने बताया कि 4 किमी सड़क बन चुकी है, 2 किमी सड़क के निर्माण में कुछ अवरोध हैं। इस पर रावत ने रामनगर एसडीएम एवं लोनिवि ईई को संयुक्त स्थलीय सर्वे कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए ताकि समस्याओं का समाधान हो सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि काशीपुर-रुद्रपुर बाइपास के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है तो समय से मुआवजा देना शुरू किया जाए।
मंडलायुक्त ने लोनिवि अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो मुख्य मार्ग गड्ढामुक्त हो गए हैं, उनकी लंबाई न बताकर मार्ग का नाम दिया जाए। इससे गड्ढामुक्त हो चुकी सड़कों की निगरानी में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री घोषणा, आपदा मद से जितनी भी योजनाएं गतिमान हैं उनकी सूचना भी दी जाए। इस दौरान गिरीश चन्द, अरूण कुमार, धन सिंह कुटियाल, एबी कांडपाल विजय कुमार मौजूद रहे।