बरेली: सफाई के दावे तोड़ रहे दम...नाले में गंदगी और मच्छरों से लोग हुए परेशान

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

कुछ स्थानों पर सड़कों पर गड्ढों की भरमार, नालियों में बहाया जा रहा गोबर

बरेली, अमृत विचार। कानूनगोयान वार्ड- 61 में खुले नाले गंदगी से अटे हैं। सफाई के दावे दम तोड़ रहे हैं। गंदगी से संक्रामक रोग फैलने की आशंका है। इसके बाद भी चोक नाला और नालियों की सफाई नहीं की जा रही है। कुछ जगह नालियों पर अतिक्रमण से जलनिकासी बाधित हो रही है।

वार्ड में ज्यादातर नालियां सिल्ट और गोबर से भरी पड़ी हैं। नालियों के ऊपर किए गए अतिक्रमण से पानी की निकासी हो नहीं हो पा रही है। गंदा पानी सड़क और घरों तक पहुंच रहा है। नालों के ऊपर डाले गए स्लैब कुछ लोगों को राहत दे रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोग इससे असंतुष्ट हैं, क्योंकि स्लैब के ऊपर डाले गए जाल टूट गए हैं। कई जगह डिप खुला पड़ा है। इससे हादसे का डर बना हुआ है।

यह पढ़ें- बरेली: खुराफातियों ने एक बार फिर की फिजा बिगाड़ने की कोशिश

पार्षद की सक्रियता के बाद भी वार्ड में नालियों की दशा खराब है। कोई भी नाली ऐसी नहीं दिखी जो गंदगी से अटी न हो। वार्ड में टाइल्स की कई सड़कें बनी हैं, लेकिन पुरानी डामर वाली सड़कों में गड्ढों की भरमार है। कई जगह सड़क उखड़ चुकी है। चुनाव से पहले प्रेमनगर थाने के पास सड़क गड्ढेदार थी, अब वह बन चुकी है, लेकिन बरतरिया गली में टाइल्स कई जगह धंस गई है। जोशी टोला में भी सडकें बदहाल हैं। ब्रह्मपुरा में नालियां चोक हैं। लोगों ने बताया कि नालियों की यहां सफाई नहीं हो रही है। बरसात में गलियां तालाब बन जाती हैं। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत होती है। वहीं, विधायक निधि से जोशी टोला के नाले पर स्लैब डलवाने का काम स्वीकृत हो गया है।

कानूनगोयान में आधा नाला पटा है। बदबू और मच्छरों का प्रकोप ज्यादा है। निगम मच्छरों से बचाव को दवा का छिड़काव नहीं करा रहा है--- संजीव जोशी।

धोबी चौराहे से अंदर जाने वाला मार्ग कई वर्षों से उखड़ा पड़ा है। पार्षद भी इधर से ही आते जाते हैं लेकिन यह सड़क नहीं बनवाई जा रही है। लोग परेशान हैं---अंशू।-

डाकखाने वाली रोड पर नाला गंदगी से अटा पड़ा है। नाले पर न कोई जाल है न कोई ढक्कन लगाया है। कई गाय खुले नाले में गिर चुकी हैं। इसे बंद होना चाहिए---सानू।

भूड़ कानूनगोयन में नाले पर पड़े जाल टूट चुके हैं। रात में हादसे का डर रहता है। कई बार लोग नाले में गिर चुके हैं। लोहे की जाल की जगह स्लैब पड़ने चाहिए---कृष्ण कुमार।

जोशी टोला में नालियां चोक हैं। इनकी सफाई नहीं होती है। कर्मचारी झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। यही पानी घरों में भरता है। बरसात में घरों में पानी भर जाता है---इंदू।

सफाई कर्मचारी कभी कभार आते हैं। जब आते हैं तो उनसे कहीं पर सफाई करने को कहो तो वे साफ मना कर देते हैं। इससे भी सफाई नहीं हो पाती है---राकेश।

मठियावाली गली कानूनगोयान में सड़क खराब है। नालियां चोक रहती हैं। बरसात में सड़क और घरों में पानी भरता है--- ओमप्रकाश।

डाकखाने वाली गली में डिप खुला है। उसपर ढक्कन नहीं है। सफाई को बेहतर किया जाए, जिससे लोगों को मच्छरों से निजात मिले---महेश।

जोशी टोला में नालियां जाम हैं। हैंडपंप के पास भी गंदगी है। डिप गंदगी से भरे पड़े हैं। उनमें ंसे पानी बाहर निकलता रहता है। बरसात में गलियां में पानी भरता है---प्रदीप।

निगम की वित्तीय हालत ठीक नहीं है, इसलिए काम नहीं हो पा रहे हैं। जनता ने मुझसे उम्मीदें लगा रखी हैं। उन्हें पूरा करूंगा। कर्मचारी कम होने से सफाई की स्थिति ठीक नहीं है। नालियाें पर अतिक्रमण से जलनिकासी प्रभावित हो रही है---कपिल कांत- पार्षद।

यह भी पढ़ें- बरेली: अक्टूबर तक स्कूलों में समय परिवर्तन नहीं करने की मांग, मंडलायुक्त को भेजा पत्र

 

संबंधित समाचार