पीलीभीत: एएसपी से बोले बसपाई, थाने में हुई अभद्रता, इंस्पेक्टर बने रहे मूकदर्शक...जानिए मामला

पीलीभीत: एएसपी से बोले बसपाई, थाने में हुई अभद्रता, इंस्पेक्टर बने रहे मूकदर्शक...जानिए मामला

पीलीभीत,  अमृत विचार। रंपुरा मिश्र गांव में आरएसएस की शाखा लगाने को लेकर हुए विवाद के मामले में जहानाबाद पुलिस ने भले स्वयंसेवक की तहरीर पर तीन पर रिपोर्ट दर्ज कर ली हो लेकिन मामला अभी भी गरमाया हुआ है।

बसपा नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाध्यक्ष की अगुवाई में अपर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। जिसमें एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप जहानाबाद पुलिस पर लगाया है। थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कराते हुए बसपा नेताओं की तरफ से भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। स्वयंसेवक की ओर से दर्ज की गई जानलेवा हमले की रिपोर्ट को झूठा बताते हुए निरस्त करने की मांग की।

बसपा जिलाध्यक्ष भगवान सिंह गौतम की ओेर से एएसपी को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि 16 सितंबर की शाम चार बजे सदर विधानसभा अध्यक्ष नागेंद्र गौतिम का फोन आया और बताया कि रंपुरा मिश्र गांव में एक अंजान व्यक्ति बस्ती में आकर बच्चों को इकट्ठा करके उनको शैक्षणिक स्तर से हटकर बातें बता रहा है।

महापुरुषों के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है। जब उसका विरोध किया तो उसने खुद को आरएसएस का स्वयं सेवक बताया। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले आई। शाम करीब सात बजे वह भी थाना जहानाबाद गए। आरोप है कि दूसरे पक्ष से तमाम भाजपा नेता भी आ गए थे।

उन्होंने थाने में ही अभद्रता कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। पुलिस के सामने ही अपमानित करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई और थाने से भागने को कहा। थाना पुलिस मूकदर्शक बनी रही। आरोपियों से जान का खतरा जताते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। एएसपी अनिल कुमार यादव ने जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुलकाात करने वालों में पूर्व जिलाध्यक्ष एलपी सागर, रामसनेही गौतम, निरंजन गौतम, कुंदनलाल सागर, चंद्रशेखर आजाद, राम सिंह  आदि थे।

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