हल्द्वानी: 2 करोड़ बकाया नहीं मिलने पर प्राइवेट टैंकर संचालकों की हड़ताल
एक सितंबर से बेमियादी बहिष्कार शुरू, जल संस्थान सिर्फ 7 सरकारी टैंकरों से ही प्रभावित क्षेत्रों में कर रहा आपूर्ति

चौफुला, बिठौरिया, ऊंचापुल, दमुवाढूंगा सहित कई क्षेत्रों में नहीं हो सकी पानी की आपूर्ति
हल्द्वानी, अमृत विचार। दो साल के बकाया भुगतान की मांग को लेकर प्राइवेट टैंकर संचालकों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। प्राइवेट टैंकर संचालकों के कार्य बहिष्कार से कई प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति ठप हो गई है।
अमूमन ट्यूबवेल फुंकने, पेयजल लाइन की मरम्मत पर क्षेत्र में पानी की आपूर्ति नहीं होने पर टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाया जाता है। जल संस्थान 7 सरकारी व 20-22 निजी टैंकरों के जरिए पानी आपूर्ति करता है। इन प्राइवेट टैंकरों का पिछले दो साल से करीब 2 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। बकाया भुगतान की मांग को लेकर प्राइवेट टैंकर संचालकों ने जुलाई में हड़ताल की थी, तब जल संस्थान ने 25 अगस्त तक बकाया भुगतान का आश्वासन दिया था लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
ऐसे में संचालकों ने 1 सितंबर से हड़ताल शुरू कर दी है। इधर, प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्राइवेट टैंकरों से ही होती है, इन टैंकरों की हड़ताल से पानी नहीं पहुंच पा रहा है और लोगों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है। रविवार को चौफुला, बिठौरिया, ऊंचापुल, दमुवाढूंगा समेत आधा दर्जन इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी। हालांकि जल संस्थान सरकारी टैंकरों के चक्कर बढ़ा कर पानी आपूर्ति का दावा कर रहा है।
जल संस्थान के अधिकारियों ने बीती 25 अगस्त तक पुराना बकाया चुकाने का आश्वासन दिया था लेकिन अगस्त बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ। इस पर सभी ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। भुगतान होने पर काम पर वापस लौटेंगे।
- बसंत सनवाल, प्राइवेट टैंकर ठेकेदार
प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की गई लेकिन पर्याप्त संख्या में टैंकर नहीं होने से आपूर्ति करने में दिक्कतें हो रही हैं। चौफुला में पेयजल लाइन बिछाने का काम हो रहा है, इस वजह से वहां लोगों को पानी नहीं मिल पाया।
- रविंद्र कुमार, एई जल संस्थान
बिजली कटौती की सूचना नहीं मिलने से भी प्रभावित होती है आपूर्ति
एई रविंद्र कुमार ने बताया कि कई घंटों तक हो रही बिजली कटौती से भी पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। बिजली विभाग की ओर से जल संस्थान को कटौती की कोई सूचना नहीं मिलती है। जब ट्यूबवेल चलाने का समय होता है तो बिजली कटौती है, यदि सूचना मिल जाए तो कटौती से पूर्व या बाद में ट्यूबवेल चलाकर आपूर्ति की जाए।