दक्षिण अफ्रीका जानें से डर रहे पुतिन! BRICS में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये होंगे शामिल

दक्षिण अफ्रीका जानें से डर रहे पुतिन! BRICS में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये होंगे शामिल

जोहानिसबर्ग। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ‘ब्रिक्स’ की मंगलवार से दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो रही तीन दिवसीय शिखर बैठक में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेंगे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस सम्मेलन में शामिल होंगे। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का यह समूह अपने शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में कोविड-19 महामारी के बाद से अपनी पहली बैठक कर रहा है।

हालांकि, पुतिन दक्षिण अफ्रीका की अपनी यात्रा से समस्या पैदा हो सकने के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इसमें भाग लेंगे, क्योंकि यूक्रेन से बच्चों के अपहरण के मामले में मार्च में अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा बैठक में उपस्थित होंगे। विश्व की 40 प्रतिशत आबादी ब्रिक्स देशों में रहती है और समूह के सदस्य देश 30 प्रतिशत वैश्विक आर्थिक उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं। 

यह समूह अपना विस्तार करने पर विचार कर रहा है। जोहानिसबर्ग के वित्तीय जिले सैंडटन में बुधवार की मुख्य शिखर बैठक के एजेंडा में यह शीर्ष पर होगा। दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के मुताबिक, 20 से अधिक देशों ने समूह में शामिल होने के लिए आवेदन किया है, जिनमें सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। सऊदी के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी सम्मेलन में शामिल होंगे। ब्रिक्स के पांचों सदस्य देशों को किसी अन्य देश को समूह में शामिल करने से पहले नये सदस्यों के लिए अर्हता पर सहमत होना होगा, लेकिन एक वृहद ब्रिक्स को पश्चिमी देशों के साथ चीन और रूस के खराब होते संबंधों के बीच उन दोनों द्वारा समर्थित नीति के तौर पर देखा जा रहा है।

 ब्रिक्स का गठन 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने किया था। दक्षिण अफ्रीका को 2010 में इसमें शामिल किया गया था। दक्षिण अफ्रीका के व्यापार एवं उद्योग मंत्री इब्राहिम पटेल ने मंगलवार को न केवल पांच ब्रिक्स राष्ट्रों के करीब 1,200 प्रतिनिधियों, बल्कि अन्य विकासशील देशों के दर्जनों प्रतिनिधियों का भी स्वागत करते हुए आधिकारिक रूप से शिखर बैठक का उद्घाटन किया। रामफोसा के मुताबिक, तीन दिवसीय बैठक में 40 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों के भाग लेने की उम्मीद है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने जोर देते हुए कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शिखर बैठक में उपस्थित होने के बावजूद पुतिन पूर्ण रूप से भागीदारी करेंगे और भाषण भी देंगे।

 रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे, जो बैठक में उपस्थित रहेंगे। शिखर बैठक में और अधिक आर्थिक सहयोग तथा स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपील की जाएगी। रामफोसा ने शिखर बैठक से पहले दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में मंगलवार को शी से मुलाकात की। दक्षिण अफ्रीकी नेता ने कहा कि वह ‘‘वैश्विक शासन संस्थानों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीकी महाद्वीप की मांग के वास्ते चीन का समर्थन चाहते हैं।’’ 

अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधि नहीं हैं, जबकि इन महाद्वीपों की आबादी करीब दो अरब है। कोविड-19 से जुड़े कड़े प्रतिबंध चीन द्वारा हटाये जाने के बाद शी ने अपनी विदेश यात्राएं क्रमिक रूप से शुरू की हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सत्ता के केंद्र यूनियन बिल्डिंग्स परिसर में रामफोसा के साथ सैनिकों की परेड देखी। शी ने संक्षिप्त टिप्पणियां करते हुए कहा कि चीन अफ्रीका की सर्वाधिक उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देश के साथ और सहयोग करने को तैयार है ‘‘ताकि हमारी समग्र रणनीतिक साझेदारी को नयी ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके।’’

 यूरोपीय संघ ने शी, लूला, मोदी और रामफोसा से अपील की है कि वे इस शिखर बैठक का उपयोग रूस-यूक्रेन यु्द्ध को लेकर मास्को और पुतिन की निंदा करने के लिए करें। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ एक छोटा विरोध-प्रदर्शन भी मंगलवार को शिखर बैठक स्थल से तीन किलोमीटर की दूरी पर एक पार्क में देखने को मिला। अमेरिका और यूरोपीय संघ जोहानिसबर्ग में हो रहे घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए हैं।

 बैठकों से पहले, अमेरिका ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ अपने करीबी संबंधों को रेखांकित किया। बताया जाता है कि एजेंडा में आधिकारिक रूप से नहीं, लेकिन बंद कमरे में होने वाली वार्ताओं में खाद्य सुरक्षा एक मुद्दा होगा। विकासशील देश रूस तथा यूक्रेन से और अधिक अनाज प्राप्त करने के लिए ब्रिक्स से रूस के संबंधों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के भी शिखर बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। शिखर बैठक आधिकारिक रूप से मंगलवार सुबह एक व्यापार मंच की बैठक के साथ शुरू हुई।

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