राज्यपाल आर.एन. रवि द्वारा आयोजित ‘एट होम’ समारोह में शामिल नहीं होगी स्टालिन सरकार

चेन्नई। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) और राज्यपाल आर.एन. रवि के बीच विधानसभा से पारित विधेयकों सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी गतिरोध बरकरार है और इसी का नतीजा है कि राज्य सरकार 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्यपाल की ओर से आयोजित ‘एट होम’ स्वागत समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
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मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी सरकार 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्यपाल आर. एन. रवि को ओर से आयोजित पारंपरिक एवं विशिष्ट ‘एट होम’ स्वागत समारोह का बहिष्कार करेगी। स्टालिन ने रवि की ओर से सार्वजनितत तौर पर विवादित बयान देने को लेकर आपत्ति जतायी और कहा कि उनकी सरकार कल शाम राजभवन में आयोजित होने वाले ‘एट होम’ समारोह का बहिष्कार करेगी।
उन्होंने विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने, उच्च शिक्षा में भ्रम की स्थिति पैदा करने, विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों की मंजूरी नहीं देने और राज्य से छात्रों तथा उनके अभिभावकों के सपनों का चकनाचूर करने वाले बयान देने को लेकर रवि की आलोचना की।
उन्होंने राज्यपाल रवि के उस बयान को लेकर आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनके पास सार्वजनिक मंचों पर अपनी सहमति देने की शक्ति हो, तो वह कभी भी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) छूट विधेयक को मंजूरी नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उन्होंने यह महसूस करने से इनकार कर दिया कि गरीब, दलित और मध्यम वर्ग के छात्र और उनके माता-पिता अपने सपने और अवसर खो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल जैसे पद को संभालने वाले रवि द्वारा दिए गए इस तरह का गैर जिम्मेदार बयान ने छात्रों, युवाओं तथा गत सात सालों से इसके लिए आंदोलन करने वालों को अचम्भित कर दिया। तमिलनाडु के कल्याण की चिंता करने वाले राज्यपाल की कार्रवाई के कारण तमिलों की जिंदगी बर्बाद होने की वजह से रो रहे हैं क्योंकि वह ( रवि) इसकी चिंता नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में विधानसभा द्वारा पारित नीट छूट विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति पास भेजा गया है। उन्होंने बताया कि वह इस विधेयकों को मंजूरी देने के लिए श्रीमती मुर्मू को पत्र लिखेंगे। इसके बाद उन्होंने रवि पर तगड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राज्यपाल आर्यम, द्रविडम, द्रमुक, तिरुवल्लुवर, वल्लालर तथा सनथानम के के मुद्दे पर राजनीति से प्रेरित बयान देते हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे लिए तमिलनाडु के युवाओं का भविष्य महत्वपूर्ण है। हम लोग उन लोगों में शामिल नहीं है, जो इस साल राज्य में रहेंगे और अगले साल चले जाएंगे। द्रमुक सत्ता में रहे या नहीं रहे, लेकन पार्टी ने हमेशा तमिलनाडु के लोगों के अधिकार के लिए आवाज उठाई है।”
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