लखनऊ: फर्जी फिटनेस प्रमाणपत्र से नौकरी के लिए विदेश जा रहे बेरोजागर युवा
लखनऊ, अमृत विचार। खाड़ी देशों में नौकरी के लिए जाने वाले लोगों के फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र बनाने के मामले में गल्फ हेल्थ काउसिंल (जीएचसी) ने नई दिल्ली की हेफ्को मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर की लाइसेंस रद करते हुए 96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं एजेंसी के संचालक ने लखनऊ ब्रांच के चार टेक्नीशियनों पर इस फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए गोमती नगर के विभूतिखंड थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस को दी शिकायत में नई दिल्ली की हेफ्को मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर के मालिक एमए हबीब ने बताया कि उनकी एजेंसी नौकरी के लिए खाड़ी देशों को जाने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच ( फिटनेस टेस्ट ) करती है। उनकी कंपनी गल्फ हेल्थ काउंसिल से अधिकृत हैं। उनके सेंटर की गोमती नगर के विभूतिखंड में भी ब्रांच है।
शिकायत में बताया कि लखनऊ ब्रांच में काम करने वाले एक्सरे टेक्नीशियन पुनीत वर्मा, शालिनी चौधरी, शुऐब अख्तर अंसारी और लैब टेक्नीशियन अक्षय मौर्या अनफिट आवेदकों से रुपये लेकर उनके फिट होने का फर्जी प्रमाणपत्र बनाते थे। हाल में उनकी एजेंसी से फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर खाड़ी देश पहुंचे कई लोग जांच में अनफिट मिले। ऐसे 33 लोगों को वापस डिपोर्ट कर दिया गया।
वहीं, फर्जी प्रमाण पत्र के आरोप में हेफको मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर पर 96 लाख का जुर्माना लगाते हुए 9 माह के लिए लाइसेंस रद कर दिया गया । भारी-भरकम जुर्माना और लाइसेंस रद होने की वजह से उनकी एजेंसी बंद होने की कगार पर है। डीसीपी पूर्वी हृदयेश कुमार के निर्देश पर विभूतिखंड थाने में आरोपी चार 4 टेक्नीशियनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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