कालाढूंगी: चार घंटे इंतजार के बाद काल खींच ले गया नितिन को

कालाढूंगी, अमृत विचार। नितिन और पंकज परिजनों से मोटेश्वर महादेव मंदिर में भंडारे में जाने की बात कह कर घर से पैदल ही निकल गये थे। पंकज ने बताया कि बौर नदी में पहुंचने पर दोनों भाई बहाव देखकर 11 बजे से तीन बजे तक रुके रहे।
तभी एक और स्थानीय युवक मंदिर में जाने के लिए मिल गया। इससे उनकी हिम्मत बढ़ गयी। तीनों ने एक पेड़ को मुख्य बहाव में एक किनारे से नदी के दूसरे किनारे में पत्थर पर रखकर पार करने की रणनीति बनायी। पंकज ने बताया कि पहले उसने पेड़ के सहारे बहाव पार किया।
इसके बाद नितिन पार करने लगा। लेकिन नितिन का संतुलन बिगड़ने से गिर गया। उसने पेड़ पकड़ लिया लेकिन पानी के तेज बहाव ने तीनों को खींच लिया। इसके बाद स्थानीय तीसरा युवक तैर कर निकल गया। वे दोनों दूर तक बहते चले गये। वहीं युवकों की डूबने की सूचना पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी।
भाई को बचाने के लिए संघर्ष करता रहा पंकज
पंकज ने बताया कि भाई नितिन तेज बहाव में बहने लगा तो उसने उसे पकड़कर कई बार ऊपर की ओर धकेला। पानी गहरा होने के कारण वह किनारे नहीं निकल पा रहा था। कुछ देर तक उसने बहुत प्रयास किया। लेकिन भाई बह गया। पंकज ने बताया कि उसने बचाने के लिए अपना हाथ ऊपर किया जिसके बाद वह बेहोश हो गया। शायद उसका उपर हाथ निकालना ही स्थानीय लोगों ने देखा होगा।
काश आज छुट्टी नहीं होती
नितिन की मां ममता देवी व परिजन रोते बिलखते कह रहे थे कि आज विद्यालयों में अवकाश न होता तो हमारा नितिन हमारे बीच होता। क्योंकि अगर छुट्टी न होती वे स्कूल चले गए होते और ये हादसा न होता। नितिन की मौत से गांव में शोक है।