बरेली: पचड़े में पड़ी फाल्ट लोकेटर मशीन, तब तक झेलते रही बिजली संकट
किराये की मशीन से काम चला रहा पावर कारपोरेशन, आने में ही लग जाते हैं 10-12 घंटे
बरेली, अमृत विचार। फाल्ट लोकेटर मशीन न होने से विद्युत कर्मियों को भूमिगत केबल में होने वाले फाल्ट ढूंढ़ने में ही काफी समय लग रहा है, इससे शहरवासियों की परेशानी और बढ़ गई है। पिछले चार दिन में चार बार भूमिगत केबल में फाल्ट हो चुका है और इन्हें ढूंढ़कर सही करने के लिए किराये पर मशीन मंगानी पड़ रही है। स्मार्ट सिटी परियाेजना के तहत नगर निगम की ओर से खरीदी गई फाल्ट लोकेटर मशीन है, वनमंत्री के साथ हुए हादसे के बाद से इस्तेमाल नहीं की जा रही है।
शहर में स्मार्ट सिटी के तहत अधिकतर जगह पर बिजली की भूमिगत केबल बिछाई गई हैं, इनमें खराबी आने पर उसे ढूंढ़कर सही करने के लिए नगर निगम ने फाल्ट लोकेटर मशीन खरीदी थी। जब यह मशीन रामपुर बाग बिजली घर में नगर निगम की ओर से पावर कारपोरेशन को हैंडओवर की जा रही थी, तब 20 मार्च को वनमंत्री डॉ. अरुण कुमार से इसका उद्घाटन कराया गया था। तभी अचानक मशीन में तेज धमाका हो गया। इस हादसे में वन मंत्री बाल-बाल बचे थे, जबकि एक संविदा कर्मी घायल हो गया था।
हादसे के बाद घटना की जांच बैठाकर मशीन को हैंडओवर करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई, इसके बाद से करीब पांच महीने बीत चुके हैं लेकिन पावर कारपोरेशन को फाल्ट लोकेटर मशीन हैंडओवर नहीं की गई। मशीन न होने से विद्युत कर्मियों को फाल्ट ढूंढ़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, फिर फाल्ट नहीं मिलता को किराये पर मशीन मंगानी पड़ती है, इसके बाद फाल्ट ठीक हो पाता है।
फाल्ट ठीक करने में लग रहे 18-18 घंटे
भूमिगत केबल में फाल्ट होने पर कर्मचारियों को उसे ढूंढ़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है, इसके बाद भी फाल्ट नहीं मिलता तो किराये पर फाल्ट लोकेटर मशीन मंगवानी पड़ती है, इसमें 18 घंटे से ज्यादा तक का समय लग जाता है। चार दिन पहले किला बिजलीघर के यार्ड में भूमिगत केबल में फाल्ट हो गया था लेकिन कर्मचारी फाल्ट नहीं ढूंढ़ पाए।इसके बाद किराये पर मशीन मंगाई गई तब जाकर फाल्ट मिल सका। इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक कई हजार परिवारों को बिजली संकट झेलना पड़ा। वहीं बदायूं रोड पर जियो कंपनी की केबल डालने के लिए की जा रही खोदाई के दौरान भूमिगत केबल कट गई। पूरी रात कर्मचारी फाल्ट तलाशते रहे थे लेकिन नहीं मिला। अगले दिन दोपहर में फाल्ट लोकेटर मशीन मंगवाकर फाल्ट ढूंढ़कर सही किया गया। इसी तरह पटेल बिहार और हरूनगला क्षेत्र में भी भूमिगत केबल में फाल्ट होने से पूरी रात लोगों को मुसीबत झेलने पड़ी।
पावर कारपोरेशन के पास जो फाल्ट लोकेटर मशीन थी वह खराब है। नगर निगम ने हादसे के बाद मशीन अब तक हैंडओवर नहीं की है। ठेके पर मशीन मंगाकर काम कराया जा रहा है - विकास सिंघल, अधीक्षण अभियंता।
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