गौतमबुद्धनगर : ईडी ने कासना थाने दो आईएएस समेत पांच के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
छत्तीसगढ़ के दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में हुई कार्रवाई

गौतमबुद्धनगर, अमृत विचार। छत्तीसगढ़ में हुए दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा के कासना थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। ईडी ने इसमें दो आईएएस समेत कुल पांच लोगों को नामजद किया है। नामजद होने वालों में छत्तीसगढ़ के आबकारी आयुक्त निरंजन दस (आईएएस), अनिल टुटेजा (आईएएस), विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस), विधु गुप्ता (होलोग्राम छापने वाली कंपनी के एमडी) और अनवर धेबर के नाम शामिल हैं। इन सभी पर धारा 420, 468, 471, 473, 484, 120 B के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में अफसरों के साथ शराब सिंडीकेट के लोगों की भूमिका का भी जिक्र किया गया है।
ईडी के उप निदेशक हेमंत की तरफ से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के इन अफसरों ने शराब माफिया के साथ सांठगांठ करके बड़े पैमाने पर देशी शराब की अवैध बिक्री करवाई। इस अवैध बिक्री के लिए ग्रेटर नोएडा की कम्पनी ने फर्जी होलोग्राम छापे हैं। इसी वजह से यह मुकदमा रविवार को ग्रेटर नोएडा की कासना कोतवाली में दर्ज करवाया गया। एफआईआर में देशी शराब की अवैध बिक्री से सरकारी राजस्व को 1200 करोड़ का चूना लगने का जिक्र किया गया है।
एफआईआर के अनुसार शराब घोटाले में कासना स्थित कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा.लि. में बने मूल और नकली होलोग्राम प्रयोग किए गए थे। इस कंपनी को होलोग्राम छापने का ठेका देने के लिए नियम शर्तों की सिरे से अनदेखी की गई। टेंडर हासिल करने में लगी अन्य कंपनियों ने विरोध भी किया पर किसी की नहीं सुनी गई।
ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच में सामने आया है कि विधु गुप्ता की नोएडा स्थित इस कंपनी ने असली और नकली होलोग्राम बनाए थे। छत्तीसगढ़ के विशेष सचिव उत्पादक शुल्क अरुणपति त्रिपाठी आपूर्ति के लिए मूल व डुप्लीकेट होलोग्राम का विवरण उन्हें बताते थे। होलोग्राम की संख्या उसके हिसाब से मुद्रित करके भेजी जाती थी। अरुणपति त्रिपाठी द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबरों के होलोग्राम को सड़क मार्ग से छत्तीसगढ़ ले जाया जाता था। ईडी ने जांच के दौरान कंपनी से डुप्लीकेट होलोग्राम जब्त किए हैं।
शराब सिंडिकेट से मिले हुए थे कई अफसर
एफआईआर में कहा गया है कि इन अफसरों ने कम्पनी से 8 पैसा प्रति हॉलोग्राम की दर से कमीशन लिया। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के शराब सिंडीकेट और इन अफसरों ने मिलीभगत कर सरकार को आपूर्ति किए जा रहे हॉलोग्राम के समानांतर फर्जी होलोग्राम बड़े पैमाने पर ग्रेटर नोएडा कि इस कम्पनी में छपवाए। फर्जी होलोग्राम का इस्तेमाल अवैध देशी शराब की बोतलों पर किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने एफ़आईआर में लिखा है कि आईएएस अफसरों और शराब सिंडिकेट ने मिलकर अवैध शराब आम आदमी तक पहुंचाई।
कंपनी ने चार साल तक छापे हॉलोग्राम
एफआईआर में बताया गया है कि 19 अप्रैल 2023 को अरुणपति त्रिपाठी का बयान दर्ज किया गया। उन्होंने स्वीकार किया कि जाली हॉलोग्राम छपवाकर शराब सिंडिकेट को दिए गए हैं। कंपनी को अक्टूबर 2019 में हॉलोग्राम छापने का ठेका दिया गया था। यह कंपनी जून 2022 तक डुप्लिकेट होलोग्राम की सप्लाई इन अफसरों और शराब सिंडिकेट को करती रही। इन हॉलोग्राम के ज़रिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में अवैध शराब को सरकारी बनाकर बेचा गया।
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