लोग क्यों लगाते हैं बाइक में तिब्बती झंडे? जानिए इधर

हल्द्वानी, अमृत विचार। आपने अक्सर लोगों की बाइक के सामने रंग-बिरंगे झंडे लहरात हुए देखे होंगे। लेकिन क्या आपको पता है इसके पीछे बहुत गहरा अर्थ छिपा है? लोग आजकल स्टाइल या फैशन के लिए इसको अपनी बाइक या कार में लगा रहे हैं लेकिन इससे जुड़ी कुछ बातें आपको जरूर जान लेनी चाहिए।
1. झंडे का प्रत्येक रंग एक तत्व का प्रतीक है
लाल, नीले, पीले, सफेद और हरे बौद्ध प्रार्थना झंडे वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी जैसे तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सफेद वायु का प्रतीक है, लाल अग्नि का, हरा पानी है, पीला पृथ्वी है, और नीला हवा है। वे दिशाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं - उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और केंद्र।
2. 'ओम मणि पद्मे हुम्' का बहुत गहरा अर्थ है
ॐ- पवित्र शब्दांश
मणि- गहना
पद्मे - कमल
हम - आत्मज्ञान की आत्मा
इस मंत्र का कोई एक विशेष अर्थ नहीं है। यह करुणा, नैतिकता, धैर्य, परिश्रम, त्याग और ज्ञान जैसे मूल्यों का संयोजन है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप ध्यान के दौरान मंत्र का जाप करते हैं, तो यह अहंकार, ईर्ष्या, अज्ञानता, लालच और आक्रामकता को ठीक कर सकता है।
3. बौद्ध प्रार्थना झंडे कभी भी स्थिर नहीं होने चाहिए
इन्हें छत से ऊंचा इसलिए रखा जाता है ताकि ये हवा में लहरा सकें। ऐसा कहा जाता है कि वे सकारात्मक आध्यात्मिक स्पंदन उत्सर्जित करते हैं और प्रार्थनाएं मौन प्रार्थनाओं की तरह हवा द्वारा प्रवाहित होती हैं।
4. झंडे दो प्रकार के होते हैं- क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर
क्षैतिज वाले को लुंग डार और ऊर्ध्वाधर वाले को डार चो कहा जाता है।
5. इन्हें कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए
यदि बौद्ध प्रार्थना झंडे जमीन को छूते हैं तो इसे अपमानजनक माना जाता है। इसलिए इन्हें हमेशा ऊंचाई पर लटकाना चाहिए। द्वार की चौखट के आसपास झंडे लगाने का उचित स्थान माना जाता है।