लखनऊ : बिजली कर्मियों के सुधार प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दे रहा पावर काॅरपोरेशन
अमृत विचार, लखनऊ । बिजली कर्मियों के सुधार प्रस्ताव पर पावर काॅरपोरेशन प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने यह आरोप लगाते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से हस्तक्षेप करने की अपील की। संघर्ष समिति की सोमवार को हुई बैठक में प्रबंधन के रवैये पर रोष प्रकट किया गया।
संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री से अपील करते हुए कहा कि वह प्रभावी हस्तक्षेप करें जिससे प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए संघर्ष समिति के प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन वार्ताकर सार्थक कार्रवाई करें। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था सुचारू बनाये रखने में आ रही कठिनाइयों से पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को अवगत कराने के लिए उन्हें पत्र लिखकर समय मांगा था, पर उन्होंने संघर्ष समिति के प्रस्ताव पर चर्चा करने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जो अत्यधिक चिंताजनक है।
संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि बीते 19 मार्च को ऊर्जा मंत्री के स्पष्ट निर्देश के बाद भी आंदोलन के दौरान निलंबित किए गए बिजली कर्मियों का निलंबन वापस लेने व निष्कासित किये गये निविदा कर्मियों को बहाल नहीं किया जा रहा है। बैठक में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जीवी पटेल, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, राजेंद्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, महेंद्र राय, चन्द्रभूषण उपाध्याय, शशिकांत श्रीवास्तव, मनीष मिश्र, पी के दीक्षित, मोहम्मद वसीम, छोटेलाल दीक्षित, योगेंद्र कुमार, राम चरण सिंह, माया शंकर तिवारी, सुरेंद्र सिंह, पीएन राय, राम सहारे वर्मा, पीएस बाजपेई, जीपी सिंह, रफीक अहमद, मो. इलियास, देवेंद्र पांडेय शामिल हुए।
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