मेरठ में खड़ी कार का बरेली में बना दिया प्रदूषण प्रमाणपत्र
शहर में बिना जांच के बनाए जा रहे प्रदूषण प्रमाण पत्र

बरेली, अमृत विचार। शहर में वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र बनाने में जमकर खेल किया जा रहा है। प्रदूषण प्रमाणपत्र केंद्र संचालक ने मेरठ में खड़ी कार का नंबर पूछकर ही प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी कर दिया। अधिकारियों की अनदेखी के चलते रोजाना बिना नियम के सिर्फ वाहन का फोटो देखकर ही प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
60 और 100 रुपये में पांच मिनट में ही प्रमाणपत्र वाहन चालक को थमा दिया जाता है। अधिकतर प्रदूषण जांच केंद्रों पर सिर्फ वाहन के फोटो देखकर बता दिया जा रहा है कि वाहन फिट है या नहीं। अमृत विचार संवाददाता ने ईसाइयों की पुलिया के पास बने प्रदूषण जांच केंद्रों पर जाकर जाकर कार के प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने को लेकर संचालक से बात की। जिसके बाद संचालक ने बताया कि 100 रुपये में छह माह के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र बन जाएगा। उसके बाद संचालक ने कार का फोटो देखकर पांच मिनट में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनाकर दे दिया, जबकि कार उस समय मेरठ में खड़ी थी।
10 हजार के चालान का है प्रावधान
बिना प्रदूषण रहित प्रमाणपत्र के गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये के चालान का प्रावधान है। चालान प्रमाणपत्र के आधार पर ही किया जाता है। शहर के लगभग सभी प्रदूषण जांच केंद्रों पर निर्धारित फीस देकर प्रमाणपत्र आसानी से मिल सकता है। कागजी खानापूरी के लिए सिर्फ फोटो की जरूरत होती है। गाड़ी के मालिक से सिर्फ उसका फोटो मांगा जाता है।
इस तरह होती हैं धुएं की जांच
वाहनों से निकले वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) की प्रतिशत मात्रा आयतन पर मापते हैं। ये केंद्र पेट्रोल पंप के पास ही बनाए जाते हैं। किसी भी वाहन के प्रदूषण स्तर को मापने के लिए इन केंद्रों पर प्रदूषण जांच मशीन को वाहन के साइलेंसर के अंदर डाला जाता है। इसके बाद गाड़ी से निकलने वाले धुएं की मशीन जांच करती है।
अगर वाहन का फोटो देखकर प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं तो यह गलत है। मामले की जांच कराकर प्रदूषण जांच केंद्र के संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी -मनोज सिंह, एआरटीओ प्रशासन।
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