आप नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामले में दो आरोपियों की वैधानिक जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक धन अर्जित करने के लिए सत्येंद्र जैन को उकसाने के आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन द्वारा दायर वैधानिक जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
दोनों ने इसके लिए अदालत का रुख करते हुए दलील दी थी कि उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र पूरा नहीं है इसलिए उन्हें वैधानिक जमानत दी जानी चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस आधार पर इस याचिका का विरोध किया था कि उन्होंने धन शोधन के अपराध के लिए 30 जून, 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया था और अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी के आरोप पत्र के बराबर) 27 जुलाई, 2022 को दायर हुई थी जो 60 दिन की निर्धारित अवधि के खत्म होने से पहले है।
हालांकि आरोपियों ने दावा किया कि आरोप पत्र अधूरा है क्योंकि एजेंसी ने स्वयं दावा किया है कि जांच अब भी जारी है। न्यायाधीश ने कहा कि एक आरोप पत्र तभी पूरा होता है जब उसके आधार पर और उसके साथ दायर दस्तावेजों के आधार पर अदालत विचार करने के बाद अपराध का संज्ञान लेने की स्थिति में होती है।
न्यायाधीश ने कहा, अगर अदालत आरोप पत्र लगाए गए आरोप के अनुसार अपराध का संज्ञान लेने में सक्षम होती है तो आरोप पत्र पूरा होता है और आरोपियों को वैधानिक जमानत का अधिकार नहीं होता है। इस बात का कोई महत्व नहीं है कि जांच एजेंसी आगे की जांच के संबंध में आरोप पत्र में क्या उल्लेख करती है। ईडी ने सत्येंद्र जैन को उनसे कथित रूप से संबंधित चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। पिछले साल 17 नवंबर को अदालत ने मामले में जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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