UP Nikay Chunav 2023: कांग्रेस-सपा चले ब्राह्मण की ओर, भाजपा के पास संघ बल

डॉ.संजीव मिश्र, अमृत विचार, कानपुर। नगर निगम चुनाव में महापौर के रूप में ब्राह्मण चेहरा देकर कांग्रेस ने न सिर्फ प्रत्याशी घोषित करने में बाजी मार दी, बल्कि ब्राह्मण कार्ड खेलकर भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा दी है। कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी ने भी वंदना वाजपेयी को टिकट देकर ब्राह्मणों की ओर ही देखने की रणनीति बनाई है। इनसे इतर भाजपा खांटी स्वयंसेवक परिवार से आने वाली नीतू सिंह को टिकट देकर संघ बल के आधार पर यह लड़ाई जीतने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस से आशनी अवस्थी को टिकट
कांग्रेस ने बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास अवस्थी की पत्नी आशनी अवस्थी को महापौर का टिकट देने की घोषणा की। नगर निगम चुनावों की घोषणा के बाद कानपुर के महापौर के टिकट को लेकर खासे कयास लग रहे थे। जनता से सीधे चुनाव की प्रक्रिया के बाद अब तक चुने गए पांच महापौर में चार भाजपा के रहे हैं। 2002 में कांग्रेस के अनिल शर्मा ने भाजपा की निवर्तमान महापौर सरला सिंह को हराया था। उसके बाद कांग्रेस ने तीन चुनावों में बद्रीनारायन तिवारी, पवन गुप्ता और बंदना मिश्रा को प्रत्याशी बनाया किन्तु सफलता नहीं मिली। इस बार फिर कांग्रेस ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतार कर भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा दी है।
वंदना वाजपेयी बनीं सपा प्रत्याशी
दरअसल कानपुर को ब्राह्मणों का गढ़ माना जाता है, ऐसे में समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मणों की ओर ही देख रही है। समाजवादी पार्टी ने वंदना वाजपेयी को कानपुर नगर से महापौर के लिए प्रत्याशी बनाया है। वंदना समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ वाजपेयी की पत्नी हैं। अमिताभ स्वयं भी ब्राह्मण के साथ समाजवादी पार्टी के वोटबैंक को जोड़कर विधायक बने थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता सलिल विश्नोई को चुनाव हराया था। समाजवादी पार्टी महापौर के चुनाव में भी इसी समीकरण के बल पर जीत की रणनीति बना रही है।
भाजपा से नीतू सिंह की दावेदारी
कांग्रेस-सपा के ब्राह्मण कार्ड के बीच भाजपा की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कानपुर में शुरुआती सक्रियता के समय से जुड़े बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह परिवार की बहू नीतू सिंह का नाम तेजी से आगे आया है। नीते सिंह ने टिकट के लिए औपचारिक आवेदन भी कर दिया है। माना जा रहा है कि भाजपा बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह की पौत्रवधू और संघ के मौजूदा क्षेत्र संघ चालक वीरेंद्रजीत सिंह की वधू नीतू सिंह को टिकट देकर संघ-बल से चुनाव जीतने की रणनीति बना रही है। भाजपा का मानना है कि नीतू सिंह के चुनाव लड़ने से संघ का हर स्वयंसेवक अतिरिक्त रूप से सक्रिय होगा और चुनावी जीत आसान हो जाएगी। वैसे नीतू सिंह भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी की पुत्री भी हैं, इसलिए भी प्रत्याशिता मजबूत मानी जा रही है।
ये भी पढ़ें:- गोंडा: तेज रफ्तार पिकअप ने बाइक में मारी ठोकर,ट्रक ने रौंदा, दो युवकों की मौत