बाबुलनाथ मंदिर के शिवलिंग में दरार, दूध के केमिकल से पहुंच रहा नुकसान, ट्रस्ट ने लगाईं कई पाबंदियां
मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई में देश के बड़े शिव मंदिरों में से एक बाबुलनाथ मंदिर की शिवलिंग में दरार से बनी एक लकीर की खबर है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर के ट्रस्ट ने आईआईटी बॉम्बे से संपर्क किया है। इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट को मंदिर को सौंप दिया गया है और उसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। इसे देखते हुए मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कई पाबंदियां लगाई गई हैं। इस मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में की गई थी। साल 1780 में यह बाबुलनाथ मंदिर बनकर तैयार हुआ, जबकि मंदिर के शिवलिंग का इतिहास 12वीं शताब्दी का है। बाबुलनाथ मंदिर करीब 350 साल पुराना है और मंदिर का शिवलिंग बबूल पेड़ की तर्ज पर होने की वजह से मंदिर का नाम बाबुलनाथ पड़ा।
इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त अक्सर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। ऐसे में बड़ी मात्रा में दुग्धाभिषेक, दही, घी, भस्म, कुमकुम जैसी चीजों से अभिषेक किया जाता है। अब इसी शिवलिंग में एक दरार से बनी लकीर दिखने लगी है। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने अब शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक समेत सभी प्रकार की चीजों के चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी है। अब शिवलिंग पर सिर्फ पानी से जलाभिषेक के अलावा फूल और फल चढ़ाने की ही इजाजत दी गई है।
शिवलिंग पर बनी इस लकीर के बारे में सबसे पहले पिछले साल दिसंबर में पता चला, इसके बाद बाबुलनाथ मंदिर ट्रस्ट ने IIT बॉम्बे से संपर्क किया और इसपर एक डिटेल रिपोर्ट देने को कहा। इस पर IIT बॉम्बे की तरफ से एक ड्राफ्ट रिपोर्ट दी गई है। इसमें शिवलिंग पर दूध समेत दूसरी चढ़ाई जाने वाली चीजों से होने वाले केमिकल रिएक्शन को समस्या का जिम्मेदार बताया गया है। IIT बॉम्बे ने शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले मिलावटी दूध के केमिकल से शिवलिंग को नुकसान पहुंचने की बात कही है। संस्था की तरफ से सुझाव दिया गया है कि पानी के अलावा सभी चीजों का शिवलिंग पर चढ़ावा बंद कर दिया जाए।
हालांकि बाबुलनाथ मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी नितिन ठक्कर ने शिवलिंग के खंडित होने की बात से इनकार किया है। नितिन ठक्कर ने बताया कि IIT की फाइनल रिपोर्ट मार्च तक आएगी। लेकिन जो सुझाव संस्था ने दिया, उसका पालन किया जा रहा है। वहीं शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक समेत तमाम चीजों पर लगाई गई पाबंदी से भक्तों से बीच नाराजगी है। भक्तों का कहना है कि वो महादेव हैं, उनके शिवलिंग को कुछ नहीं हो सकता। अगर दरार या लकीर दिखाई दे रही है, तो भी किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लगानी चाहिए।