विडंबना: प्रवर्तन दल के पास संसाधन नहीं, अपने पैसे से उठवाते हैं पकड़ा गया माल
26.jpg)
अमृत विचार, अयोध्या। शासन की मंशा है कि अयोध्या पालीथिन मुक्त हो और 100 प्रतिशत पॉलीथिन की रोकथाम की जाए। लेकिन पॉलीथिन से मुक्ति को लेकर नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है। प्रवर्तन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। अगर कहीं प्रवर्तन दल पॉलीथिन के खिलाफ अभियान चलाता है और वहां प्रतिबंधित पालीथिन का जखीरा पकड़ जाता है तो उसे उठाने के लिए प्रवर्तन टीम के पास वाहन तक मयस्सर नहीं है।
टीम के सदस्य अपने पैसे से वाहन की व्यवस्था कर बरामद माल को उठवाते हैं। अभियान में न तो नगर निगम का कोई अधिकारी रहता है और न ही प्रवर्तन टीम को पुलिस का साथ ही मिलता है। ऐसे में शासन की मंशा नगर निगम प्रशासन की उदासीनता के चलते धराशायी हो गयी है।
नगर निगम में प्रवर्तन विभाग का गठन हुए फरवरी 2022 में तीन साल 11 महीने पूरे हो गये हैं। लेकिन निगम प्रशासन प्रवर्तन टीम को कोई खास तवज्जो नहीं दे रहा। प्रवर्तन टीम को 3 गाड़ियां मिलनी चाहिये थी। इसमें एक प्रवर्तन अधिकारी के लिए, एक सामान उठाने के लिए और दो वाहन 12 सदस्यीय प्रवर्तन टीम को चेकिंग में जाने के लिए मिलनी चाहिये।
लेकिन वर्तमान में टीम के पास केवल एक ही बोलेरो है। सामान उठाने के लिए टीम को खुद पैसा लगाना पड़ता है। चेकिंग के दौरान निगम के अधिकारी भी नहीं जाते। शासनादेश में यह व्यवस्था है कि जब भी कोई अभियान चलेगा साथ में नगर निगम का कोई एक सक्षम अधिकारी रहेगा। लेकिन बीते करीब 4 सालों में चेकिंग के समय कोई सक्षम अधिकारी नगर निगम का नहीं रहता है। पुलिस का भी सहयोग नहीं अभियान में नहीं मिलता है।
प्रवर्तन अधिकारी का पद डेढ़ साल से खाली
नगर निगम के प्रवर्तन अधिकारी का पद डेढ़ साल से खाली पड़ा है। प्रवर्तन दल के पहले प्रवर्तन अधिकारी कर्नल सत्येन्द्र सिंह एक साल रहे। फिर विंग कमाण्डर मुकेश तिवारी आए तो वह भी एक साल बाद चले गये। फिलहाल यहां कोई प्रवर्तन अधिकारी नहीं है। अगस्त 2022 में प्रमुख सचिव ने बैठक में अयोध्या, शाहजहांपुर व बरेली में रिक्त प्रवर्तन अधिकारी की नियुक्ति के लिए आदेश दिया था। लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हो सकी है। वर्तमान में 4 जूनियर कमीशन आफीसर (जेसीओ) और 8 एनसीओ नॉन कमीशन अफसर (एनसीओ) कार्यरत हैं।
3 माह से वेतन नहीं पा रहे प्रवर्तन दल के सदस्य
विकास के नाम पर नगर निगम अरबों रुपये खर्च कर रहा है लेकिन कर्मचारियों के लिए वेतन देने के नाम पर बजट का रोना रोया जाता है। निगम के कर्मचारियों की तरह ही प्रवर्तन टीम के सदस्यों को भी 3 महीने से वेतन के लाले पड़े हैं। अक्टूबर से अभी तक किसी को वेतन नहीं मिला है। प्रवर्तन टीम में तीनो सेनाओं के सेवानिवृत्त फौजी रखे जाते हैं। प्रवर्तन अधिकारी का मासिक वेतन 90 हजार है। वहीं जेसीओ को 40 हजार व एनसीओ को 35 हजार रुपये मासिक मिलता है।
नाका क्षेत्र में प्रवर्तन टीम ने मारा छापा, पकड़ी गयी प्रतिबंधित पालीथिन
शासन के निर्देश पर शहर में 27 से 30 दिसम्बर तक पॉलीथिन विरोधी विशेष अभियान चलाया गया। प्रवर्तन के प्रभारी डीके सिंह ने बताया कि चार दिवसीय विशेष अभियान के दौरान एक कुंतल पॉलीथिन पकड़ी गयी है। अभियान के दौरान तीन दिन में 55 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। नगर निगम की प्रवर्तन टीम ने शुक्रवार को अंतिम दिन नाका क्षेत्र में कई दुकानों पर छापेमारी की।
यह भी पढ़ें:-अयोध्या: कोतवाल ने कहा- 24 लाख के जेवर को एक लाख दिखाओ, नहीं तो लेकर आउंगा Income Tax की टीम