वर्चुअल समारोह में पहली बार देश भर के सवा दो हज़ार रेलकर्मी हुए रिटायर

वर्चुअल समारोह में पहली बार देश भर के सवा दो हज़ार रेलकर्मी हुए रिटायर

नई दिल्ली, संजय सिंह। रेलवे के इतिहास में पहली बार देश भर के सवा दो हजार से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के लिए वर्चुअल रिटायरमेंट फंक्शन का आयोजन किया गया। खुद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इन सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ विदाई दी। देश भर में फैले रेलवे के सभी …

नई दिल्ली, संजय सिंह। रेलवे के इतिहास में पहली बार देश भर के सवा दो हजार से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के लिए वर्चुअल रिटायरमेंट फंक्शन का आयोजन किया गया। खुद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इन सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ विदाई दी।

देश भर में फैले रेलवे के सभी जोनों, डिवीजनों तथा उत्पादन इकाइयों में कार्यरत रहे 2320 छोटे-बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ये अविस्मरणीय पल थे। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था कि रेलभवन से खुद रेलमंत्री उनके सेवानिवृत्ति समारोह का हिस्सा बनेंगे और उन्हें शुभकामनाएं देंगे। क्योंकि आम तौर पर इस तरह के विदाई समारोह जोनों के स्तर पर होते हैं और उनमें महाप्रबंधक भाग लेते हैं।

केवल रेलवे बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को ये सौभाग्य प्राप्त होता है कि जहाँ होने वाले सेवानिवृत्ति समारोहों को रेलवे बोर्ड चेयरमैन और रेलमंत्री संबोधित करते हैं। लेकिन ये कोरोना का कमाल था जिसने सोशल डिस्टेंसिंग की विवशता को अविस्मरणीय अवसर में तब्दील कर दिया। वीडियो और वेब कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दूर बैठे लोगों को पहले से भी कहीं ज्यादा नजदीक लाने का काम किया है।

31 जुलाई को रिटायर होने वाले रेलवे के इन सभी अफसरों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ये खुशी और गम के मिली-जुली अनुभूति के क्षण हैं। खुशी इस बात की है कि आप सबने इतने वर्षों तक तन-मन प्राण से रेलवे की सेवा की और उसे बुलंदियों तक पहुँचाने में अपना अमूल्य योगदान किया। गम इस बात का है कि अब ये अवसर नहीं मिल पाएगा। लेकिन रिटायर होने के बाद भी आप सब अपनी अपनी तरह से देश की सेवा कर सकते हैं।

जिस तरह पिछले कुछ वर्षों में आप लोगों ने अपनी बुद्धि, क्षमता और नए विचारों से रेलवे को नई नई उपलब्धियों से नवाजा है, उसी प्रकार आप इन खूबियों का इस्तेमाल देश की सेवा में आगे भी कर सकते हैं। जिस प्रकार आपने रेलवे में स्वच्छ्ता के नए मानदंड स्थापित किए हैं वैसे ही आप अपने आसपास गली-मोहल्लों की सफाई-स्वच्छता में अपना योगदान दें। आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।

आप में बहुत लोगों को वर्षा जल संचयन यानी रेल वाटर हार्वेस्टिंग का अनुभव होगा, आप इसका इस्तेमाल कर अपने घर और बस्ती को जल संरक्षण का आदर्श स्थल बनाकर देश को जल संकट से बचने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इसी प्रकार कुछ लोगों को गीले कचरे से खाद बनाने का हुनर आता होगा। जिसका आप खुद उपयोग करने के साथ दूसरों को इसकी ट्रेनिंग दे सकते हैं। इससे रासायनिक उर्वरकों से होने वाले नुकसान से मिट्टी, फसल और उपजों की रक्षा के साथ उत्पादन भी बढ़ेगा और लोगों के स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण की रक्षा भी होगी।

गोयल ने कहा कि रेलवे से सेवानिवृत्त होने वाले अफसरों के पास सरकारी क्षेत्र में काम करने का व्यापक अनुभव होता है। इस अनुभव का लाभ उन्हें आम लोगों को देना चाहिए और उन्हें केंद्र सरकार की नीतियों तथा योजनाओं से वाक़िफ कराना चाहिए। इससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम को रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगाडी ने भी संबोधित किया और रिटायर होने वालों के उन्नत भविष्य की कामना की। सेवानिवृत्त होने वाले अफसरों और कर्मचारियों ने उनके रियायरमेंट को यादगार बनाने के लिए रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड के अफसरों को धन्यवाद दिया और वर्चुअल फंक्शन के इन्तेजामों के लिए आभार व्यक्त किया।

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