लखनऊ: मदद के बहाने बदल देते थे ATM कार्ड, कर देते थे अकाउंट साफ, सरगना समेत पांच गिरफ्तार

अमृत विचार संवाददाता/ लखनऊ। एटीएम में किसी भी महिला या वृद्ध को ट्रांजैक्शन करने में परेशानी होते देख मददगार बनकर पहुंचते थे। पर मदद के बहाने पलक झपकते ही एटीएम कार्ड बदल देते थे और मौका पाते ही पूरा बैंक अकाउंट साफ कर देते थे।
पीजीआई पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गिरोह सरगना जौनपुर के जोगियापुर निवासी अजय निषाद (35), जौनपुर के ही शाहगंज निवासी राजेश कुमार (27), पवन कुमार यादव (29), सचिन गुप्ता (21) व फिरोज अहमद (29) के रूप में हुई है।
बिना सिक्योरिटी गार्ड वाले एटीएम की करते थे रेकी
मामले की जानकारी देते हुए पीजीआई कोतवाली प्रभारी राणा राजेश सिंह ने बताया कि अजय और उसके साथ शहर में रेकी ऐसे एटीएम का पता लगाते थे, जहां सिक्योरिटी गार्ड तैनात न हो। इसके बाद एटीएम के इर्द-गिर्द घूमते रहते थे। जैसे ही कोई महिला, बुजुर्ग या छात्र एटीएम में आता था और उसका ट्रांजैक्शन में परेशानी होती थी तो ये उनका चोरी-छिपे उनका एटीएम कोड देख लेते थे। इसके बाद मदद करने के बहाने पलक झपकते ही एटीएम कार्ड बदल देते थे। फर्जी ट्रांजैक्शन दिखाते हुए व्यक्ति को नकली नोट थमा कर रवाना कर देते थे। इसके बाद एटीएम कार्ड से कई बार में ट्रांजैक्शन कर पूरा अकाउंट साफ कर देते थे।
नकली नोट छापने के मामले में हाल ही में जेल से छूटा था अजय
इंस्पेक्टर राणा राजेश सिंह ने बताया कि गिरोह सरगना अजय निषाद के खिलाफ जौनपुर के विभिन्न थानों में नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। नकली नोट छापने के मामले में वह हाल ही में जेल से छूट कर बाहर आया था। वहीं राजेश कुमार भी गैंगस्टर एक्ट में हाल ही में जेल से छूटा था।
दो माह से थे शहर में सक्रिय
इंस्पेक्टर राणा राजेश सिंह ने बताया कि पूछताछ के क्रम में पता चला है कि यह गिरोह बीते दो माह से शहर में सक्रिय था। गिरोह की रणनीतियां पवन यादव बनाता था। वह पूर्व से इस काम को कर रहा था। वहीं अजय नकली नोट उपलब्ध कराने का काम करता था। इससे पूर्व यह गिरोह दूसरे शहरों में कई अपराध कर चुका है।
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