भारत में चीन घुस गया, हम भी कर्नाटक में घुसेंगे : महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के बीच संजय राउत
मुंबई। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने कहा है कि भारत में चीन घुस गया है और वे भी कर्नाटक में घुसेंगे। उन्होंने कहा, घुसने के लिए हमें किसी की इजाजत की जरूरत नहीं। राउत ने कहा, यह मसला बातचीत से सुलझ सकता है लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री (बसवराज बोम्मई) आग लगा रहे हैं।
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महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद तूल पकड़ चुका है। कर्नाटक की सीमा में आ चुके बेलगाम (अब बेलगावी) शहर पर महाराष्ट्र अपना दावा करता आया है। दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि कर्नाटक विधानसभा के दोनों सदन महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर एक प्रस्ताव पारित करेंगे। विधानमंडल ने राज्य के रुख को दोहराया कि यह मुद्दा सुलझा हुआ है और पड़ोसी राज्य को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी। कर्नाटक सरकार के इस रुख के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा, जिस तरह चीन भारत में दाखिल हुआ उसी तरह हम भी कर्नाटक में घुस जाएंगे। इसके लिए हमें किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है। सीमा विवाद का यह मसला करीब 70 साल पुराना है। हम इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री आग लगा रहे हैं। महाराष्ट्र में एक कमजोर सरकार है। वह इस मुद्दे पर कोई स्टैंड नहीं ले रही है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद 1957 से चला आ रहा है। साल 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से दोनों राज्यों में सीमा विवाद जारी है।महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है। वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं। वहीं कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर सीमांकन किया गया।
बेलगाम शहर पर अपना दावा और मजबूत करने के लिए कर्नाटक इस सीमावर्ती शहर में अपनी एक और विधानसभा का निर्माण कर 2007 से वहां अपना विधानमंडल सत्र भी बुलाना शुरू कर दिया। बोम्मई ने कहा कि ‘यदि सबकी सहमति हो तो हम सीमा मुद्दे पर बहस पर सरकार का जवाब देते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्य के रुख को दोहराते हुए एक प्रस्ताव पारित करेंगे। हम ऐसे कई प्रस्ताव पहले ही पारित कर चुके हैं, हम इसे दोहराएंगे।’ सिद्धरमैया ने कहा कि किसी विवाद का कोई सवाल ही नहीं है, और सीमा का मुद्दा पहले ही महाजन आयोग की रिपोर्ट के साथ सुलझा लिया गया है।
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