Jharkhand: 2019 तक के अनधिकृत निर्माण को किया जाएगा नियमित, मसौदा तैयार
रांची। झारखंड सरकार ने 31 दिसंबर 2019 के पहले तक के अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की योजना का मसौदा तैयार कर लिया है जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है। एक अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्र में किए गए गए अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसके लिए विभाग अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने के लिए योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियमित करने की इस योजना को सहमति दे दी है। यहां एक बयान जारी कर प्रवक्ता ने कहा, ‘‘विभाग के मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहरी क्षेत्रों में अनधिकृत आवासीय भवन को नियमित करने के लिए ‘‘योजना-2022’’ को अपनी मंजूरी दे दी है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘लोगों को इसका लाभ देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।" उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में किए गए अनधिकृत / विचलित निर्माण को नियमितीकरण शुल्क के माध्यम से नियमितीकरण हेतु झारखंड अधिनियम, 2011 अधिसूचित किया गया था लेकिन बहुतायत में लोग इस अवसर का लाभ नहीं उठा सके।
बयान में कहा गया है कि इसके बाद राज्य सरकार ने ‘अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने के लिए योजना, 2019’ अधिसूचित की, लेकिन विभिन्न निकायों / प्राधिकारों तथा विभिन्न संगठनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह योजना भी विभिन्न कारणों से आम जनता को रियायत पहुंचाने में विशेष कारगर नहीं हो सकी।
इसमें कहा गया है कि उपरोक्त बिन्दुओं के आलोक में यह आवश्यकता महसूस की गई कि एक बार फिर अनाधिकृत निर्माण को संरचनात्मक स्थिरता एवं नियोजन मापदंड के दायरे में रखकर नियमित करने की कार्रवाई की जाए।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 590 (1) एवं सह पठित धारा-434 के तहत दी गई शक्ति का उपयोग करते हुए राज्य सरकार अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने की योजना प्रतिपादित कर रही है।
बयान में कहा गया है कि योजना के तहत 31 दिसम्बर, 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा। इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए लोगों से अगले एक महीने तक सुझाव और फीडबैक भी मांगे जायेंगे।