पीलीभीत: गरजे शिवसैनिक, बोले- स्वास्थ्य विभाग में तानाशाही

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पीलीभीत, अमृत विचार। गजरौला पीएचसी की एक स्टाफ नर्स की ओर से लिखाई गई छेड़छाड़ की एफआईआर के बाद गुस्साए शिवसैनिकों में उबाल है। बीते दिनों की गई शिकायत के बाद भी कोई एक्शन न लिए जाने पर शिवसैनिक आक्रोशित हुए और सीएमओ दफ्तर के बाहर धरना देकर नारेबाजी की। इन दिनों बीमारियों के पैर …

पीलीभीत, अमृत विचार। गजरौला पीएचसी की एक स्टाफ नर्स की ओर से लिखाई गई छेड़छाड़ की एफआईआर के बाद गुस्साए शिवसैनिकों में उबाल है। बीते दिनों की गई शिकायत के बाद भी कोई एक्शन न लिए जाने पर शिवसैनिक आक्रोशित हुए और सीएमओ दफ्तर के बाहर धरना देकर नारेबाजी की। इन दिनों बीमारियों के पैर पसारने के बाद भी बरती जा रही लापरवाही पर भी घेरा। सिटी मजिस्ट्रेट ने ज्ञापन लेकर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सभी को शांत कराया। वहीं, सीएमओ ने भी प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित करने की बात कही।

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बता दें कि एक स्टाफ नर्स की ओर से बीते दिनों गजरौला थाने में शिवसेना के एक पदाधिकारी के खिलाफ छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई थी। शिवसैनिकों का कहना है कि इससे पहले ही नर्स के द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े की शिकायत वह कर चुके थे। जिसकी जांच तो अभी तक पूरी नहीं हुई, लेकिन पेशबंदी में उनके कार्यकर्ता पर जरूर मुकदमा दर्ज करा दिया गया।

बीते दिनों थाना समाधान दिवस में भी कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर डीएम-एसपी को ज्ञापन दिया था। अब कई दिन बाद भी कोई निर्णय न होने पर शिवसैनिक गुस्सा गए। बुधवार को जिला प्रमुख शैली शर्मा की अगुवाई में दर्जनों कार्यकर्ता सीएमओ कार्यालय पहुंचे और परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई।

उनका कहना था कि स्वास्थ्य विभाग में अनियमित्ताओं के साथ ही तानाशाही बढ़ चुकी हैं। नर्स के द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच कराकर बर्खास्त करने की मांग की गई। इसके अलावा गजरौला के एक निजी अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में भी कार्रवाई की मांग उठाई।

इसके अलावा डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के पर्याप्त कदम उठाने की मांग रखी। धरने दे रहे शिवसैनिकों से सिटी मजिस्ट्रेट डा. राजेश कुमार, सीएमओ डा. आलोक कुमार ने बात की और ज्ञापन लेकर निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया। ज्ञापन देने वालों में प्यारेलाल प्रजापति, हरिओम, रामऔतार, संजीव, सोनू आदि थे।

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