Diwali Dhamaka! ISRO ने वाणिज्यिक उपग्रह मिशन LVM3 M2 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इतिहास रचा

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2 रविवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया और ब्रिटेन स्थित ग्राहक के लिए 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया। इसरो ने इसे ऐतिहासिक मिशन करार दिया है। अंतरिक्ष विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र …
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2 रविवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया और ब्रिटेन स्थित ग्राहक के लिए 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया। इसरो ने इसे ऐतिहासिक मिशन करार दिया है। अंतरिक्ष विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने पूर्व में इसरो के एलवीएम3 बोर्ड पर वनवेब लियो उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए लंदन-मुख्यालय वाली नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के साथ दो लॉन्च सेवा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे।
वनवेब एक निजी उपग्रह संचार कंपनी है, जिसमें भारत की भारती एंटरप्राइजेज एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक है। रविवार को, 43.5 मीटर लंबा रॉकेट 24 घंटे की उलटी गिनती के अंत में यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से रात 12 बजकर 7 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। इस रॉकेट की क्षमता 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की है। यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह एलवीएम3 का पहला वाणिज्यिक मिशन है और प्रक्षेपण यान के साथ एनएसआईएल का भी पहला अभियान है।
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इसरो के अनुसार, मिशन में वनवेब के 5,796 किलोग्राम वजन के 36 उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष में जाने वाला यह पहला भारतीय रॉकेट बन गया है। रविवार तड़के, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने घोषणा की कि अंतरिक्ष एजेंसी में कार्यरत वैज्ञानिकों के लिए दीपावली का त्योहार जल्दी शुरू हो गया है।
LVM3 M2/OneWeb India-1 mission is completed successfully. All the 36 satellites have been placed into intended orbits. @NSIL_India @OneWeb
— ISRO (@isro) October 22, 2022
इसरो ने ट्वीट किया, एलवीएम3 एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। सभी 36 उपग्रहों को निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है। इससे कुछ ही मिनट पहले सोमनाथ ने घोषणा की थी कि 16 उपग्रहों को वांछित कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है जबकि शेष को स्थापित करने में कुछ और समय लगेगा। यहां अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट के प्रक्षेपण के लगभग 75 मिनट बाद सभी 36 उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गए। सोमनाथ ने मिशन नियंत्रण केंद्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एलवीएम3 और इसके पहले वाणिज्यिक मिशन के पूरी सटीकता के साथ कक्षा में स्थापित होने के साथ ही सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दिवाली का जश्न शुरू हो गया है।
LVM3 M2/ OneWeb India-1 Mission:
the countdown continues leading to the lift-off at 7 minutes past midnight.Watch LIVE from 11:37 pm IST today on our Website, Facebook, YouTube channels, and on @DDNational @NSIL_India @OneWeb
— ISRO (@isro) October 22, 2022
इससे पहले उन्होंने कहा था, अब रॉकेट कक्षा में प्रवेश कर चुका है, 36 उपग्रहों में से 16 उपग्रह पहले ही कक्षा में दाखिल हो चुके हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह उपग्रहों को अलग करने की एक धीमी प्रक्रिया है। इसरो के पूर्व प्रमुखों के. सिवन तथा ए. एस. किरण कुमार और भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक-अध्यक्ष सुनील मित्तल समेत अन्य लोगों ने मिशन नियंत्रण केंद्र से प्रक्षेपण देखा। मिशन को ऐतिहासिक’ बताते हुए, अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने इसकी सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन को श्रेय दिया।
उन्होंने कहा, इस ऐतिहासिक मिशन पर काम करने और आज इसे अंजाम तक पहुंचाने वाली पूरी टीम को बधाई। मैं एलवीएम3 का प्रक्षेपण कराने के लिए हम पर विश्वास करने को लेकर वनवेब टीम को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। एनएसआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डी. राधाकृष्णन ने एलवीएम3 के मिशन के लिए इसरो टीम को बधाई देते हुए कहा, इस विशेष मिशन के तीन प्रमुख हितधारकों, एनएसआईएल, इसरो और वनवेब इंडिया ने पूरी दुनिया को दिखाया है कि किस तरह 3-4 महीने से कम समय में मिशन को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है।
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