बरेली: CSMC की बैठक न DPR, कैसे मिलें 10463 आवेदकों को आवास

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

बरेली, अमृत विचार। सिर ढकने के लिए हजारों की संख्या में निर्धन लोग परेशान हैं। उनका परेशान होना भी सही है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास पाने के लिए काफी समय पहले डूडा कार्यालय में आवेदन किया और उस पर सुनवाई नहीं हो रही है। इससे आवेदक असमंजस में हैं कि उन्हें आवास …

बरेली, अमृत विचार। सिर ढकने के लिए हजारों की संख्या में निर्धन लोग परेशान हैं। उनका परेशान होना भी सही है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास पाने के लिए काफी समय पहले डूडा कार्यालय में आवेदन किया और उस पर सुनवाई नहीं हो रही है। इससे आवेदक असमंजस में हैं कि उन्हें आवास मिलेगा या नहीं।

इस बीच सत्यापन में आवासों के फंसने की खबर अखबार में प्रकाशित हुई तो शासन ने बरेली प्रशासन से प्रकरण में कटिंग भेजकर रिपोर्ट तलब कर ली। जांच आख्या शासन को भेजने के लिए जिला प्रशासन ने जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) से आवास आवंटन के संबंध में संपूर्ण रिपोर्ट मांग ली।

पीओ डूडा की ओर से 30 अगस्त को जो रिपोर्ट प्रशासन को उपलब्ध कराई गयी है, वह चौंकाने वाली है। उस रिपोर्ट ने यह सार्वजनिक कर दिया कि किस वजह से आवासों के आवेदनों पर सुनवाई नहीं हो रही है। पीओ डूडा विद्याशंकर पाल ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को रिपोर्ट भेजकर बताया है कि वर्तमान में 10463 आवेदन हुए हैं।

आवेदकों की पात्रता के संबंध में तहसीलाें से सत्यापन कराया जा रहा है। जिसमें तहसीलों से 4620 पात्र और 1201 अपात्र की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। पीओ डूडा ने रिपोर्ट में बताया है कि काफी समय से राज्य सरकार में सीएसएमसी की बैठक नहीं हुई है। इसके साथ नवंबर 2021 के बाद से कोई डीपीआर तक स्वीकृत नहीं हुई है। तहसील से पात्र पाए आवेदकों को आगामी केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की होने वाली बैठक में शामिल कराएंगे। भारत सरकार से नियमानुसार डीपीआर स्वीकृति कराने के बाद लाभान्वित कराया जाना संभव हो सकेगा।

इसलिए आवेदनों के सत्यापन में हो रहा विलंब
आवेदन करने के बाद जांच न होने या लाभ प्राप्त न होने के संबंध में अवगत कराते हुए पीओ डूडा ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आवेदक द्वारा गलत घटक में आवेदन किए जाने, सही पूर्ण पता न लिखने, बार-बार किराये का आवास परिवर्तन करने, मोबाइल नंबर पर इनकमिंग उपलब्ध न होने, बंद होने या नंबर परिवर्तन कर लेने के कारण आवेदकों के सत्यापन में विलंब हो रहा है।

राज्य स्तर पर सीएसएमसी बैठक न होने से डीपीआर भी नहीं भेजी गई
पीओ डूडा ने रिपोर्ट में बताया है कि आवेदक द्वारा आवेदन करते समय 1 एवं 2 के अतिरिक्त 3 एवं 4 घटक में भी आवेदन कर दिया जाता है। घटक 1 एवं 2 पर तहसील से पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किए जाने का प्राविधान है। तहसील से पात्र व्यक्तियों का शासन/सूडा उप्र द्वारा नामित कन्सलटेंट संस्था द्वारा डीपीआर तैयार कराकर डूडा में उपलब्ध करायी जाती है।

इसके बाद जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद राज्य स्तर पर आयोजित सीएसएमसी बैठक में स्वीकृति के लिए डीपीआर प्रेषित की जाती है। काफी समय से सीएसएमसी की बैठक नहीं हो रही है। जिस कारण डीपीआर न तो प्रेषित किया जा रहा है और न ही स्वीकृति प्राप्त हो रही है।

आवास के लिए इन घटकों में आवेदन करना चाहिए
डूडा कार्यालय प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी संचालित है। उक्त योजना के अंतर्गत निम्न घटक संचालित हैं। (क)-व्यक्तिगत आवास निर्माण (बीएलसी न्यू)-इस घटक में आवेदक के स्वयं के नाम से भारतवर्ष में पक्का मकान नहीं होना चाहिए एवं भूमि उपलब्ध हो। (ख) व्यक्तिगत आवास विस्तार (बीएलसी विस्तार)- इस घटक के अंतर्गत जिन लाभार्थियों के पास पक्का मकान या अर्द्ध पक्का मकान है जिसका कारपेट एरिया 21 वर्ग मीटर तक है यदि उसमें कमरा, रसोई, शौचालय, बाथरूम और किसी एक का काम्बीनेशन आदि में से कोई एक सुविधा नहीं हो।

भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी)-इस घटक में आवेदक के पास कोई भूमि या मकान न हो। उक्त योजना में डूडा द्वारा मात्र लाभार्थियों के चयन की कार्रवाई की जाती है। आवास आवंटन बरेली विकास प्राधिकरण के द्वारा किया जाता है। ऋण से जुड़ी सब्सिडी (सीएलएसएस)-इस घटक सीधे बैंक से संचालित है। स्लमवासियों को स्लम पुनर्वास (आईएसएसआर) यह घटक बरेली में संचालित नहीं है।

यह भी पढ़ें- बरेली: तस्करी करने वाले 10 लोगों पर लगी गैंगस्टर, संपत्तियों पर चलेगा बुलडोजर!

संबंधित समाचार