अयोध्या : 15 साल बाद बाराबंकी से अयोध्या पहुंचे रुदौली के दस्तावेज, जानें क्या है मामला

अयोध्या, अमृत विचार। बसपा शासनकाल 2007 में अयोध्या से जुड़ी रुदौली तहसील के सारे दस्तावेज 15 वर्ष बाद बाराबंकी से अयोध्या पहुंच गए। दस्तावेजों को लाने के लिए रविवार को बाराबंकी का अभिलेखागार खोला गया था। उसमें से निकलने वाले कागजातों को देख अधिकारी व कर्मचारी दंग रह गए। वर्ष 1884 अर्थात अंग्रेज शासनकाल के …
अयोध्या, अमृत विचार। बसपा शासनकाल 2007 में अयोध्या से जुड़ी रुदौली तहसील के सारे दस्तावेज 15 वर्ष बाद बाराबंकी से अयोध्या पहुंच गए। दस्तावेजों को लाने के लिए रविवार को बाराबंकी का अभिलेखागार खोला गया था। उसमें से निकलने वाले कागजातों को देख अधिकारी व कर्मचारी दंग रह गए। वर्ष 1884 अर्थात अंग्रेज शासनकाल के भी तमाम अभिलेख मिले। यह सभी अभिलेख उर्दू में लिखे हुए हैं, जिन्हें समझना कर्मचारियों के लिए मुश्किल हो रहा है। कर्मचारी अभिलेखों को मिलान कर रहे हैं।
यह अभिलेख अब अयोध्या के रिकॉर्ड रूम रखाए जा रहे हैं। राजस्व रिकॉर्ड को ले जाने के लिए रुदौली तहसील के एसडीएम स्वप्निल यादव के नेतृत्व में एक टीम बाराबंकी पहुंची थी। इसके लिए अभिलेखागार रविवार को ही खोला गया। बताया जाता है कि मंडलायुक्त नवदीप रिनवा के कड़े रुख के बाद यह दस्तावेज अयोध्या लाए गए हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में रुदौली तहसील बाराबंकी से अयोध्या तो चली आई, लेकिन विभागीय लापरवाही या फिर किन्हीं कारणों से रुदौली से जुड़े 274 गांवों के राजस्व अभिलेख बाराबंकी जनपद के अभिलेखागार में जमा थे। ऐेसे में रुदौली तहसील में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। खासतौर से विवादित भूमि के पुराने अभिलेखों की जब जरूरत पड़ती थी तो पता चलता था कि वह बाराबंकी अभिलेखागार में है।
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