बरेली: सावन के अंतिम सोमवार पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, लंबी कतारों में दर्शन करते दिखे भक्त
बरेली, अमृत विचार। सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में भक्तों का हुजूम उमड़ा। तड़के सुबह से ही पूजन-अर्चन का क्रम शुरू हो गया। शहर के प्रमुख मंदिरों मढ़ीनाथ, धोपेश्वर नाथ, अलखनाथ, बनखंडी नाथ, तपेश्वरनाथ, पशुपति नाथ, त्रिवटीनाथ मंदिर में पहुंचे हजारों शिवभक्तों ने भगवान शंकर का जलाभिषेक कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। …
बरेली, अमृत विचार। सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में भक्तों का हुजूम उमड़ा। तड़के सुबह से ही पूजन-अर्चन का क्रम शुरू हो गया। शहर के प्रमुख मंदिरों मढ़ीनाथ, धोपेश्वर नाथ, अलखनाथ, बनखंडी नाथ, तपेश्वरनाथ, पशुपति नाथ, त्रिवटीनाथ मंदिर में पहुंचे हजारों शिवभक्तों ने भगवान शंकर का जलाभिषेक कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। भक्तों ने बाबा के चरणों में फूल-माला, भांग, धतूरा, दूध चढ़ाने के बाद उनका जलाभिषेक भी किया।

वहीं, मंदिरों को फूल-मालाओं सहित झालरों से सजाया गया था। मंदिरों में डीजे पर बज रहे भक्ति गीत और श्रद्धालुओं द्वारा जयकारा लगाने से माहौल पूरी तरह से शिवमय बना रहा। इसके अलावा कांवड़िया कांवड़ के साथ अपने हाथों में तिरंगा लेकर देश भक्ति के रंग में सराबोर नजर आए। मंदिर परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त पुलिस फोर्स भी तैनात है।

शहर की सड़कों पर भारी संख्या में कावड़ियों का जत्था नजर आया। यह कावड़िये हरिद्वार, कछला, गढ़मुक्तेश्वर से कावड़ ला रहे थे। भगवान भोलेनाथ के गानों पर कावड़ी जमकर झूमते नाचते नजर आ रहे थे। मंदिरों में जलाभिषेक करते के लिए लोगों को घंटो लाइन में लगे दिखे।

जगह जगह हुआ कांवड़ियों का स्वागत
कछला हरिद्वार गढ़मुक्तेश्वर घाटों से भारी संख्या में कावड़िये जल लेकर शहर में आ रहे थे। जगह जगह लोगों ने उनके स्वागत के लिए इंतजाम कर रखा था। साथ ही कई जगह जलपान की व्यवस्था भी की गई थी। प्रशासन ने भी कई जगह स्वास्थ्य कैंप लगवाए थे।

फोटो- अरुण मौर्या, अमृत विचार
मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब
इस दौरान पशुपतिनाथ मंदिर में आखिरी सोमवार को भोलेनाथ को कछला से जल लेकर कांवड़ियों ने जल चढ़ाकर महादेव से मनोकामना पूरी होने का वरदान मांगा। मंदिर के महंत ने बताया कि सावन माह हिंदू धर्म में बड़ा आस्था का पर्व माना जाता है।
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