बहराइच: जन औषधि केंद्र और भंडार गृह में नहीं मिलती दवा, महंगे मेडिकल स्टोर पर मरीज दवा खरीदने को विवश

बहराइच। मेडिकल कॉलेज में इस समय कई दवाओं का टोटा है। इसका उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला। डॉक्टर अस्पताल की दवा लिखते हैं तो जन औषधि केंद्र और भंडार गृह में दवा ही नहीं मिलती है। ऐसे में दूर दराज से आने वाले मरीज मजबूरी में महंगे दर पर मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने …
बहराइच। मेडिकल कॉलेज में इस समय कई दवाओं का टोटा है। इसका उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला। डॉक्टर अस्पताल की दवा लिखते हैं तो जन औषधि केंद्र और भंडार गृह में दवा ही नहीं मिलती है। ऐसे में दूर दराज से आने वाले मरीज मजबूरी में महंगे दर पर मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने को विवश रहते हैं।
मेडिकल कॉलेज से संबद्ध महर्षि बालार्क जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। कभी दवा नहीं हैं तो कभी डॉक्टर के असिस्टेंट ही बाहर की दवा के लिए मरीजों को प्रेरित करते हैं। इससे दूर दराज से आने वाले मरीजों को काफी दिक्कत होती है। जबकि मेडिकल कॉलेज में बहराइच के अलावा श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा और नेपाल के मरीज भी इलाज के लिए जाते हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में भीड़ भी अस्पताल में देखने को मिलती है।
सबसे अधिक भीड़ जिला अस्पताल के फिजिशियन कक्ष में रहती है। शुक्रवार को काफी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे। संबंधित विभाग के डॉक्टरों को दिखाया। डॉक्टर ने अस्पताल की दवा लिखी, लेकिन गैस में प्रयुक्त होने वाली ओमीप्रजोल कैप्सूल भी उपलब्ध नहीं थी। मरीज अस्पताल के दवा वितरण कक्ष पहुंचे तो यहां पर जन औषधि केंद्र भेजा गया। जन औषधि केंद्र पहुंचे तो वहां भी कैप्सूल नहीं मिला।
ऐसे में अस्पताल में दवाओं का टोटा मरीजों को परेशान किए हुए है। मरीज परेशानी और मजबूरी में अधिक दर पर बाहर की दवा खरीदने को विवश हैं। मालूम हो कि प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र में 400 से अधिक प्रकार के दवाओं की उपलब्धता होनी चाहिए। लेकिन यह सिर्फ कागज की लिस्ट पर ही अंकित है। जबकि धरातल पर 100 प्रकार की दवाएं मिलना भी टेढ़ी खीर साबित हो रही है। कुछ यही हाल दवा भंडारखाने का भी है।
भीड़ देख बोला खाली है हड्डी रोग
शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में फिजिशियन कक्ष में सैकड़ों की संख्या में भीड़ थी। मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच पर्ची जमा कर रहे अटेंडेंस आग बबूला हो गया। उसने कहा मरीजों से कहा कि सभी लोग पीछे हट जाओ। वरना मेज दे मारेंगे। इसके लिए वार्ड नंबर आठ और 14 खाली रहता है।
पावर कार्पोरेशन से आती है दवा
मेडिकल कॉलेज में मांग के हिसाब से पावर कार्पोरेशन की ओर से दवा भेजी जाती है। जो दवाइयां कम पड़ती हैं। उसकी खरीद लोकल परचेज के द्वारा भी किया जाता है। जो दवाएं कम हैं, उसकी मांग लखनऊ भेजी जा रही है।-डॉक्टर अनिल के साहनी प्राचार्य