अमृत विचार प्रभाव : ऑनलाइन जीडी अपडेट, वेबसाइट पर दिखने लगे केस

मुरादाबाद,अमृत विचार। थानों की सुस्ती अब दूर होने लगी है। जीडी पर दर्ज मुकदमे 24 घंटे में वेबसाइट पर अपलोड होने लगे हैं, जिन्हें हफ्तों इंतजार करना होता था। उच्चाधिकारियों द्वारा नकेल कसने के बाद से थानों में जमे मुंशी सही ट्रैक पर आगे बढ़ चले हैं। कुछ थाने ऐसे हैं, जहां के सीसीटीएनएस सिस्टम …
मुरादाबाद,अमृत विचार। थानों की सुस्ती अब दूर होने लगी है। जीडी पर दर्ज मुकदमे 24 घंटे में वेबसाइट पर अपलोड होने लगे हैं, जिन्हें हफ्तों इंतजार करना होता था। उच्चाधिकारियों द्वारा नकेल कसने के बाद से थानों में जमे मुंशी सही ट्रैक पर आगे बढ़ चले हैं। कुछ थाने ऐसे हैं, जहां के सीसीटीएनएस सिस्टम को नए सिरे से दुरुस्त करना होगा। कुछ थानों के मुंशी उच्चाधिकारियों के झकझोरने के बावजूद नींद से जगने का नाम नहीं ले रहे।
मुरादाबाद में पुलिस के थानों में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सीसीटीएनएस प्रभावी है। तकनीक मुहैया कराते हुए शासन ने थाना प्रभारियों व वहां के मुंशी को 24 घंटे में मुकदमे ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दिया। योजना पर अमल शुरू हुआ। वक्त बीतने के साथ थाने के मुंशी दायित्व से खिलवाड़ करने लगे। उधर, शासन यूपी कार्प एप पर पुलिस से संबंधित सभी सूचनाएं 24 घंटे में ऑनलाइन उपलब्ध होने का दावा करता रहा। सीसीटीएनएस योजना के धरातल पर प्रभाव की टोह लेने की कोशिश में अमृत विचार ने 09 जुलाई के अंक में वेबसाइट पर केस अपलोड करने में थाने फिसड्डी शीर्षक खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद यह अिधकारियों ने इस मामले में दिलचस्पी ली।
देहात के कुछ थानों में अब भी सुस्ती
जिले के सभी थानों के वह मुकदमे की सूची भी प्रकाशित की गई, जो अंतिम वक्त ऑनलाइन अपलोड हुआ था। चौंकाने वाली बात रही कि मुकदमे अपलोड करने में लापरवाही बरतने वाली सूची में सिविल लाइंस, पाकबड़ा, डिलारी व मुगलपुरा थाने के नाम थे। खबर के प्रकाशित होते उच्चाधिकारी हरकत में आ गए। लापरवाह थानेदार व उनके मुंशी को आगाह करते हुए उच्चाधिकारियों ने 24 घंटे में मुकदमे अपलोड करने का आदेश दिया। उच्चाधिकारियों की सख्ती का असर हुआ। सिविल लाइंस थाने में 13 जुलाई तक के दर्ज मुकदमे भी ऑनलाइन अपलोड हैं। कुछ ऐसी ही तस्वीर, कटघर, मुगलपुरा, नागफनी, गलशहीद, पाकबड़ा व मूंढापांडे थाने की भी है। हालांकि देहात के कुछ थानों में अब भी सुस्ती है। इसकी मुख्य वजह नेटवर्क की कमी बताई जा रही है।
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