बहराइच: कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय में बाघ की देखभाल में लगे वन कर्मी

बहराइच। लखीमपुर में पकड़ी गई बाघिन को लखनऊ चिड़िया घर भेज दिया गया है। जबकि बाघ चार दिन से रेंज कार्यालय में ही पिंजड़े में बंद है। विभाग के मुताबिक आदेश आते ही बाघ को भी जंगल या चिड़िया घर छोड़ा जाएगा। लखीमपुर खीरी जनपद क्षेत्र में 28 जून को एक बाघ पिंजड़े में कैद …
बहराइच। लखीमपुर में पकड़ी गई बाघिन को लखनऊ चिड़िया घर भेज दिया गया है। जबकि बाघ चार दिन से रेंज कार्यालय में ही पिंजड़े में बंद है। विभाग के मुताबिक आदेश आते ही बाघ को भी जंगल या चिड़िया घर छोड़ा जाएगा।
लखीमपुर खीरी जनपद क्षेत्र में 28 जून को एक बाघ पिंजड़े में कैद हुआ था। जिसे वन विभाग रेंज कार्यालय कतरनियाघाट लाया था। वहीं 30 जून को बाघिन भी पिंजड़े में कैद हुआ था। उसे भी रेंज कार्यालय लाया गया। स्वास्थ्य जांच के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई।
दुधवा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक के निर्देश पर बाघिन को शुक्रवार रात लखनऊ भेज दिया गया है। कतरनियाघाट के डिप्टी रेंजर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में वन कर्मी लखनऊ गए। वहीं बाघ चार दिन से पिंजड़े में ही कैद है। पिंजड़े में बाघ को उसका भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप वधावन ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बाघ को भी जंगल या चिड़िया घर भेजा जाएगा। वहीं लंबे समय से पिंजड़े में बंद बाघ को लेकर वन्यजीव प्रेमी सवाल भी खड़े कर रहे हैं।
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