Jagannath Yatra: जगन्नाथ रथयात्रा में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, जगह-जगह की गई पुष्प वर्षा, देखें तस्वीरें

Jagannath Yatra: जगन्नाथ रथयात्रा में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, जगह-जगह की गई पुष्प वर्षा, देखें तस्वीरें

बाराबंकी। शहर के नागेश्वर नाथ स्थित शनि मंदिर से 4 बजे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। रथ यात्रा में हजारों की संख्या में सम्मिलित होने के लिए पूरे जिले से श्रद्धालु सुबह से ही जुटने लगे । रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ जी, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के की झांकी को देखने के …

बाराबंकी। शहर के नागेश्वर नाथ स्थित शनि मंदिर से 4 बजे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। रथ यात्रा में हजारों की संख्या में सम्मिलित होने के लिए पूरे जिले से श्रद्धालु सुबह से ही जुटने लगे । रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ जी, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के की झांकी को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सड़क के दोनों और जमा थी। छतों पर भी बालकनी से सैकड़ों लोग जागते हुए दिखाई दिए।साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा पिछले 22 वर्षों से निकाली जाती रही है।

इस साल रथ यात्रा शुक्रवार को शनिदेव मंदिर से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गों घंटाघर, धनोखर, नेबलेट तिराहे से होती हुई कैलाश आश्रम पर जाकर खत्म हुई। बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भगवान जगन्नाथ की झांकी पर जगह- जगह पुष्प वर्षा होती रही। श्रद्धालु दर्शन कर रथयात्रा में शामिल होते जा रहे थे। बड़ी संख्या में बच्चे बुजुर्ग, महिलाएं इस यात्रा में शामिल रही। रथ यात्रा में शामिल श्रृद्धालु दिन भर आस्था में डूबते उतराते रहे। आषाढ़ मास की द्वितीया को भगवान जगन्‍नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। ऐसी मान्यता है इसीलिए यह यात्रा निकाली जाती है।

कोरोना के कारण दो वर्षों तक सिर्फ किया गया परम्पराओं का निर्वहन

पिछले 22 वर्षों से निरन्तर यह रथ यात्रा मंजुला निगम और कान्ता अरोरा के संयुक्त तत्वावधान में पूरी गर्मजोशी से निकाला जाता रहा किन्तु बीते दो वर्षों से कोरोना के कारण भगवान यात्रा केवल स्थानीय औपचारिकता निभाने भर के लिए निकाली गई थी, लेकिन इस साल इसको पूरी भव्यता और उत्साह के साथ फिर से निकाला गया। जिसमें श्रृद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

जगह- जगह लगे प्रसाद वितरण कैंप, छतों से हुई पुष्प वर्षा

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा और उस रथ यात्रा में शामिल श्रृद्धालुओं के लिए जगह जगह प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई थी। कढ़ी- चावल, हलवा, बूंदी के साथ ठंडे पानी के पैकेट की व्यवस्था भी श्रद्धालु ओ ने की थी। इस तरह के लगभग दो दर्जन से अधिक कैंपों में लोगों प्रसाद वितरण का क्रम दिन भर चलता रहा। घंटाघर से धनोखर तक सड़क के दोनों किनारे बने घरों की छत से महिलाएं पुष्प वर्षा कर रही थी। छतों पर भी यात्रा को देखने के लिए महिलाओं बुजुर्गो की भीड़ दिखी।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकली रथ यात्रा

प्रशासन ने रथयात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे । मुख्य मार्गों से निकलने वाली यात्रा को शांति पूर्वक सम्पन्न कराने को लेकर प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती थी ।शहर के जिन मार्गों से यात्रा को निकलना था उनके दोनों तरफ़ के भवनों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी । रथयात्रा के आगे पुलिस विभाग की चार गाड़ियां रास्ता पहले से ख़ाली करा रही थी जिससे रथ यात्रा निर्बाध रूप से चलती रहे।

भगवान शिव, और राधा कृष्ण का नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र

लगभग एक किलोमीटर की दूरी में रथ यात्रा चल रही थी श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में पीलीभीत की रजत एण्ड कम्पनी के कलाकारों ने भगवान शिव ,राधा कृष्ण का श्रृंगार कर रखा था। भक्ति के साथ चलने वाले भजनों के बीच भगवान रूप में श्रृंगार किये शिव, कृष्ण, और राधा के नृत्य को देखने के लिए श्रृद्धालुओं को धक्का-मुक्की भी करनी पड़ी। लगातार नृत्य कर रहे भगवान रूप में ये कलाकार रथयात्रा में आकर्षण का केंद्र रहें।

नहीं लगी शहर की बट्टी बाजार

रथयात्रा को लेकर नगरपालिका परिषद ने एक दिन पहले ही शहर के घंटाघर से लेकर कटरा तक लगने वाले सट्टी बजार को बंद करा दिया था। हर शुक्रवार को लगने वाली सट्टी बाजार रथयात्रा निर्बाध रूप से चलती रहे इस लिए बंद करा दी गई थी।

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