बरेली: वर्षों से नहीं भर सके सड़कों के जख्म, कैंट बोर्ड के पूर्व पार्षदों ने उठाए सवाल

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अमृत विचार, बरेली। कैंट बोर्ड इलाकों को ग्रीन व क्लीन कैंट बनाने का दावा कर रहा है। बीते एक साल से कैंट क्षेत्र का विकास कागजी साबित हो रहा है। ऐसा इसलिए कि बोर्ड को भंग हुए करीब एक साल हो गया, ऐसे में बोर्ड बैठकों में अधिकारियों और पार्षदों के बीच सर्व सम्मति से …

अमृत विचार, बरेली। कैंट बोर्ड इलाकों को ग्रीन व क्लीन कैंट बनाने का दावा कर रहा है। बीते एक साल से कैंट क्षेत्र का विकास कागजी साबित हो रहा है। ऐसा इसलिए कि बोर्ड को भंग हुए करीब एक साल हो गया, ऐसे में बोर्ड बैठकों में अधिकारियों और पार्षदों के बीच सर्व सम्मति से जो विकास कार्य कराए जाने के प्रोजेक्ट पास हुए यह प्रक्रिया लंबे समय से लटकी हुई है लेकिन कैंट वासियों को इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

कैंट बोर्ड भंग होने के बाद अब उसे चलाने के लिए तीन सदस्यीय संचालन समिति बनाई गई है। इनमें एक सदस्य कैंट बोर्ड अध्यक्ष के रूप में सैन्य अधिकारी और दूसरा सीईओ और तीसरे सिविल मेंबर के लिए बोर्ड से नामित सदस्य है। हाल ही में हुई बैठक में भी कर्मचारियों और आम जन के हित के लिए कई विकास कार्यों पर मुहर लगी है, लेकिन धरातल पर आना अभी शेष है।

नहीं हो रहे विकास कार्य
कैंट बोर्ड के पूर्व पार्षद धर्मवीर यादव का कहना है बोर्ड भंग होने से पहले पार्षद गणों और अधिकारियों के साथ आम जन के हित को देखते हुए सड़कों की मरम्मत, पेयजल और पथ प्रकाश व्यवस्था संबंधी प्रस्ताव पास हुए थे, लेकिन फिर बोर्ड भंग हो गया। करीब एक साल बाद भी यह विकास कार्य कागजों तक ही सीमित है।

ट्रंचिंग ग्राउंड बना दिया, पर विकास नहीं हुआ
पूर्व पार्षद अब्दुल हमीद का कहना है कि लंबे समय से खराब सड़कों का मुद्दा उठाया जा रहा है। लेकिन बोर्ड सदस्य का ध्यान इस ओर नहीं गया। केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों का बजट मिला, लेकिन इसको ट्रंचिंग ग्राउंड के निर्माण में लगा दिया गया। सवाल उठना लाजमी है कि इतने बजट से सिर्फ एक कार्य ही कराया गया है।

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