बरेली: लाल फाटक ओवरब्रिज के लिए लांच किए गए चार गर्डर
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बरेली, अमृत विचार। लाल फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जो गर्डर पहुंच चुके हैं अब उनको निर्माण एजेंसी ने लांच करना शुरू कर दिया है। शनिवार को पहले चरण में गर्डरों को लांच करने का काम शुरू किया गया। गर्डर जोड़ने का काम पूरा होने के बाद रेलवे के इंजीनियरिंग …
बरेली, अमृत विचार। लाल फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जो गर्डर पहुंच चुके हैं अब उनको निर्माण एजेंसी ने लांच करना शुरू कर दिया है। शनिवार को पहले चरण में गर्डरों को लांच करने का काम शुरू किया गया। गर्डर जोड़ने का काम पूरा होने के बाद रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने लांचिंग को हरी झंडी भी दे दी है। पहले चरण में गर्डर चंदौसी रेल मार्ग की साइड मौजूद स्पैन पर रखे गए।
दरअसल, लाल फाटक आरओबी पर कुल 32 गर्डर रखे जाने हैं। इसी कड़ी में शनिवार को चंदौसी क्रासिंग की साइड पर पुल पर गार्डर रखने का काम किया गया। हालांकि केवल एक स्पैन पर 4 गर्डर रखे गए। यह पूरा स्पैन 35 मीटर का है। अब रविवार को इसी स्पैन के समानांतर दूसरे स्पैन पर भी गर्डर रखे जाएंगे।
कुल मिलाकर दो दिन में 8 गर्डर रखेंगे। इससे पहले रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने इन असेमबिल हुए गर्डरों को हरी झंडी दे दी थी। जिस स्पैन पर गर्डर रखे जा रहे हैं वो क्रांसिंग से हटकर है। लिहाजा रेलवे का ब्लॉक लिए बगैर यहां गर्डर लांच कर दिए गए। शनिवार को 4 गर्डर रखने में करीब तीन घंटे का समय लगा।
इस दौरान बदायूं रोड की साइड यातायात चलता रहा, लेकिन चनहेटी को जाने वाले सड़क पर लंबा जाम लग गया। निर्माण एजेंसी द्वारा हैवी क्रेनों के जरिये निर्माण स्थल पर काम किया गया। इसमें किसी प्रकार का रूट डायवर्जन नहीं लिया गया था। रेलवे क्रासिंग पर भी ट्रेनों का संचालन जारी रहा। अब रविवार को जब दूसरे स्पैन पर गर्डर रखे जाएंगे तो थोड़ी दिक्कत सड़क यातायात में पैदा हो सकती है।
क्रासिंग पर गर्डर रखने को लेना होगा रेलवे से ब्लॉक
निर्माण एजेंसी ने गार्डर रखने का काम भले ही शुरू कर दिया है और इसके लिए रूट डायवर्जन की जरूरत भी न पड़ी हो लेकिन इसके बाद रेलवे क्रासिंग पर पड़ने वाले स्पैन पर गर्डर रखने के लिए रेलवे से ब्लॉक लेना पड़ेगा। लाल फाटक पर दो क्रासिंग पड़ती हैं। एक क्रासिंग लखनऊ दिल्ली रेल मार्ग पर है तो दूसरी चंदौसी रेल मार्ग पर पड़ती है। अब इन दोनों ही क्रासिंगों पर 24 गर्डर रखे जाने हैं। यहां भी 35-35 और 46-46 मीटर लंबे गर्डर रखे जाएंगे।
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